अधिवक्ताओं की नजर में विकास का मुद्दा अहम, लेकिन मायने अलग-अलग
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है। नामांकन का सिलसिला जारी है। जबरदस्त ठंड के म
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है। नामांकन का सिलसिला जारी है। जबरदस्त ठंड के मौसम में चुनावी माहौल गर्म है। शहर से लेकर देहात तक हर गली मोहल्ले, चौराहे, चौपाल व अन्य स्थानों पर जहां चार आदमी एकत्र होते हैं। चुनावी चर्चा खुद-ब-खुद शुरू हो जाती है। शादी-पार्टियों से लेकर हर जगह सिर्फ चुनाव की चर्चा है। चुनाव को लेकर गाजियाबाद के अधिवक्ता क्या सोचते हैं। इस बार वह किन मु़्द्दों पर मतदान करेंगे। यह जानने के लिए दैनिक जागरण की टीम ने उनकी नब्ज टटोलने की कोशिश की। पेश है गाजियाबाद कचहरी से विवेक त्यागी की लाइव रिपोर्ट.. सीन-1
बुधवार दोपहर डेढ़ बजे। कचहरी में न्यायालय की तरफ आने-जाने वाले गेट नंबर-दो के पास पूर्व बार अध्यक्ष मुनीश कुमार त्यागी, सुकेश भल्ला, सुनील चौधरी, सोनू जावली समेत अन्य अधिवक्ता चुनाव को लेकर चर्चा कर रहे थे। मुनीश त्यागी व सुकेश भल्ला ने विकास और सुशासन को चुनावी मुद्दा बताते हुए भाजपा सरकार के दोबारा पूर्ण बहुमत से बनने की बात कही। वहीं सुनील चौधरी व सोनू जावली ने गन्ना भुगतान, बेरोजगारी को चुनावी मुद्दा बताते हुए परिवर्तन की बात पर जोर दिया। वह सपा-रालोद गठबंधन सरकार बनने के पक्षधर दिखे। अपनी-अपनी अलग राय होने के बावजूद सभी अधिवक्ता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच के मुद्दे को लेकर एकजुट दिखे। चर्चा के दौरान बोले, सरकार चाहे किसी भी पार्टी की बने, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच खोली जानी चाहिए। सीन-2
बुधवार दोपहर ढाई बजे। कचहरी में कुछ युवा अधिवक्ता एक साथ बैठे हुए थे। यहां भी चर्चा चुनाव की ही चल रही थी। सभी युवा अधिवक्ता अपना-अपना तर्क रख रहे थे। युवा अधिवक्ता मोहित त्यागी बोले, कोई कुछ भी कहे इस बार भी चुनाव में विकास का मुद्दा ही सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि किसी भी शहर, जिले या देश का विकास इस बार पर निर्भर करता है कि वहां की कनेक्टिविटी कैसी है। भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश समेत देश भर में सड़कों का जाल बिछाकर कनेक्टिविटी बेहतर कर विकास रफ्तार को तेज करने के लिए रिकार्ड काम किया है। वहीं युवा अधिवक्ता आकाश यादव की नजर में मुद्दा तो विकास ही है लेकिन उसके मायने अलग हैं। उनकी नजर में विकास के मायने युवाओं के विकास से है। उन्होंने कहा कि युवा देश की रीढ़ हैं। सरकार को युवाओं की बेरोजगारी दूर उनके विकास के पहिए को ट्रैक पर लाना चाहिए। सीन-3
साढ़े तीन बजे। अलाव जल रहा था और कुछ अधिवक्ता उसके चारों तरफ बैठकर हाथ ताप रहे थे। चुनाव में कौन हारेगा और कौन जीतेगा, ये अधिवक्ता भी इस पर चर्चा कर रहे थे। अधिवक्ता निकुंज त्यागी ने कहा कि चुनावी मुद्दे प्रत्येक शख्स के मुताबिक अलग-अलग हैं लेकिन असलियत यह है कि यह चुनाव प्रत्याशी के चेहरे पर नहीं सीधे तौर पर योगी जी व मोदी जी के नाम पर लड़ा जा रहा है। अधिवक्ता दीपक शर्मा के कहा कि इस बार चुनाव का मुद्दा गांवों का विकास रहेगा। कचहरी में न्यायाधीशों की कमी है। सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने का मुद्दा भी इस बार हावी रहेगा।