गैर हाजिर चल रहे 12 डॉक्टरों की सेवाएं होंगी समाप्त
मरीजों की देखभाल एवं उपचार के लिए पोस्ट किए गए एक दर्जन डॉक्टर गैर हाजिर हैं। कोई अवकाश लेकर विदेश चला गया है तो कोई प्राइवेट अस्पतालों में सेवाएं दे रहा है। इतना ही नहीं कुछ डॉक्टर तो बिना अनुमति लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने चले गए हैं। शासन की हरी झंडी मिलने के साथ ही गैर हाजिर डाक्टरों की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। सीएमओ ने इसकी पुष्टि की है।
- पांच डॉक्टरों की सेवा पहले की जा चुकी समाप्त
-------
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: मरीजों की देखभाल एवं उपचार के लिए पोस्ट किए गए एक दर्जन डॉक्टर गैर हाजिर हैं। कोई अवकाश लेकर विदेश चला गया है, तो कोई प्राइवेट अस्पतालों में सेवाएं दे रहा है। इतना ही नहीं कुछ डॉक्टर तो बिना अनुमति लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने चले गए हैं। शासन की हरी झंडी मिलने के साथ ही गैर हाजिर डाक्टरों की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। सीएमओ ने इसकी पुष्टि की है।
जिले में कुल 88 पदों के सापेक्ष 64 डॉक्टर कार्यरत हैं। डॉक्टरों के 24 पद खाली हैं। प्रमुख सचिव को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में नियुक्त छह डॉक्टरों ने त्याग पत्र दे दिया है। इनकी सेवाओं को समाप्त मानते हुए इनके पदों पर नई नियुक्ति की जाएगी। हाल में गैर हाजिर रहने पर पांच डॉक्टरों की सेवा समाप्त की जा चुकी है। सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने बताया कि 12 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी चल रही है। इनमें डॉ. अनुज कुमार, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. श्वेता प्रसाद मोहंती, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. नीरा भड़ाना, डॉ. वरुण स्वामी, डॉ. दीपक जितेंद्र पोद्दार, डॉ. लता श्यौराण, डॉ. मृत्युंजय कुमार, डॉ. शिवपूजन पटेल, डॉ. प्रशांत कुमार सिंह और डॉ. निगहत परवीन शामिल हैं। ये भी लंबे समय से गैर हाजिर हैं।
----
शासन ने जिले में गैर हाजिर चल रहे डॉक्टरों के पदों को रिक्त मान लिया है। इनमें से पांच की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। छह ने त्याग पत्र दे दिया है। एक प्रतिनियुक्ति पर है। शेष 12 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। रिक्त मानते हुए इन पदों पर नई नियुक्तियां की जाएंगी।
- डॉ. एनके गुप्ता, सीएमओ