तत्काल टिकट में फर्जीवाड़ा करने वालों को रिमांड पर लेगी आरपीएफ
जासं गाजियाबाद देशभर में 15 हजार एजेंटों को साफ्टवेयर किराये पर देकर तत्काल टिकट मे
जासं, गाजियाबाद: देशभर में 15 हजार एजेंटों को साफ्टवेयर किराये पर देकर तत्काल टिकट में फर्जीवाड़ा करने वाले दोनों साफ्टवेयर इंजीनियरों को आरपीएफ रिमांड पर लेगी। आरपीएफ दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी। दोनों नोएडा स्थिति एक मीडिया संस्थान में नौकरी करते थे।
आरपीएफ थाना प्रभारी पीकेजीए नायडू ने बताया कि एजेंटों की पहचान करने के लिए जेल में बंद दोनों आरोपितों को रिमांड पर लाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी जाएगी। आरपीएफ ने रविवार को रेलवे के तत्काल टिकट में फर्जीवाड़ा करने वाले साफ्टवेयर इंजीनियर (डेवलपर) अरुण कुमार यादव को ग्रेटर नोएडा व दूसरे साफ्टवेयर इंजीनियर (डेवलपर) विपुल रंजन को लखीसराय के पास किउल से गिरफ्तार किया गया था। अरुण कुमार वाराणसी व विपुल लखीसराय का रहने वाला है। आरोपित साफ्टवेयर बनाकर 15 हजार एजेंटों से हर माह 600 रुपये किराया ले रहे थे। एजेंट साफ्टवेयर से टिकट बुक कराने में फर्जीवाड़ा करते थे। खंगाले जाएंगे आरोपितों के खाते: थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपितों के बैंक खातों को खंगाला जाएगा। आरोपित हर माह करीब 90 लाख रुपये कमा रहे थे। इनके पास कई बैंकों के डेबिट व क्रेडिट कार्ड मिले हैं। इससे साफ है आरोपितों के कई बैंकों में खाते हैं। रिमांड पर लेने के बाद खातों की जानकारी ली जाएगी। आरोपितों के खातों को सीज करने की कार्रवाई भी की जाएगी। आरोपित ई-वालेट से पैसे मंगवाते थे। एजेंटों को पकड़ना चुनौती: आरपीएफ के लिए 15 हजार एजेंटों को पकड़ना बड़ी चुनौती है। क्योंकि ये एजेंट पूरे देश में फैले हुए हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि एजेंटों की पहचान करने के बाद संबंधित स्टेशन के आरपीएफ अधिकारियों को जानकारी दी जाएगी। जबकि गाजियाबाद स्टेशन क्षेत्र के एजेंटों को उनकी टीम गिरफ्तार करेगी। दोनों आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इसके बाद एजेंटों को गिरफ्तार किया जाएगा। बिहार निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर विपुल रंजन को रिमांड पर लेने के लिए आरपीएफ बुधवार को रवाना होगी।
-पीकेजीए नायडू, थाना प्रभारी, आरपीएफ