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रियाज को मिली साइकिल तो खुशी से झूम उठा महाराजपुर

रियाज का कहना है कि राष्ट्रपति से मिली इस साइकिल से उनके सपनों को रफ्तार मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 08:06 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 08:06 PM (IST)
रियाज को मिली साइकिल तो खुशी से झूम उठा महाराजपुर
रियाज को मिली साइकिल तो खुशी से झूम उठा महाराजपुर

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : राष्ट्रपति रामनाथ कोविद से रियाज को साइकिल मिलने पर महाराजपुर में खुशी का माहौल है। आस-पड़ोस के लोग व दोस्त रियाज पर गर्व कर रहे हैं। शुक्रवार को रियाज अधिकारियों व पुलिस के साथ महाराजपुर पहुंचे। इस दौरान लोगों ने उनका स्वागत किया। युवाओं ने रियाज व उनकी साइकिल के साथ सेल्फी ली। रियाज का कहना है कि राष्ट्रपति से मिली इस साइकिल से उनके सपनों को रफ्तार मिलेगी। वह ओलंपिक खेलकर देश के लिए सोना जीतना चाहते हैं।

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रियाज मूलरूप से ग्राम भगवतीपुर मंटोला, थाना पंडोल जिला मधुबनी, बिहार के रहने वाले हैं। वह गाजियाबाद के महाराजपुर में रहते हैं। मेहनत मजदूरी करने वाले रियाज के पिता मोहम्मद रुस्तम लॉकडाउन में बेरोजगार होने पर अपने गांव चले गए। रियाज अपने एक दोस्त के साथ किराये पर रहते हैं। रियाज का कहना है कि वर्ष 2016 में उन्होंने दिल्ली के आनंद विहार स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय स्कूल में दाखिला लिया। वह नौवीं कक्षा के छात्र हैं। रियाज ने बताया कि 2017 से वह साइकिलिग कर रहे हैं। वह साइकिलिग चैपियनशिप में मेडल जीत चुके हैं। उनके पास साइकिल खरीदने तक के पैसे नहीं थे। दूसरों की साइकिल लेकर वह रेस करते थे। दैनिक जागरण ने उनकी खबर प्रकाशित की तो राष्ट्रपति ने उन्हें बुलाकर साइकिल दी। साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों को सहयोग करने को कहा। इसके लिए वह दैनिक जागरण का आभार प्रकट करते हैं। साइकिल से रफ्तार पकड़ेंगे रियाज के सपने

रियाज का कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह रेसिग साइकिल खरीद सकें। राष्ट्रपति से मिली साइकिल के साथ बहुत प्रेरणा भी मिली है। अब उनके सपने साइकिल के सहारे रफ्तार पकड़ेंगे। अब वह ओलंपिक में साइकिलिग कर देश के लिए सोना जीतना चाहते हैं। रियाज के माता-पिता, दो बहन और एक भाई गांव में हैं। शुक्रवार को राष्ट्रपति से मिलकर रियाज महाराजपुर पहुंचे तो उन्होंने अपने माता-पिता को फोन किया। उन्होंने बताया कि उनकी मां मुन्नी खातून फोन पर ही रोने लगीं। रियाज ने बताया कि बिहार में भी उनका पूरा गांव खुश है। वहीं महाराजपुर में उनके दोस्त व आसपास के लोग शाम तक रियाज से मिलने आते रहे और उन्हें शुभकामनाएं भी दीं।


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