Move to Jagran APP

संशोधित खबर : चार गेटों से शुरू हुआ औद्योगिक नगरी का कामयाबी का सफर

- तंत्र के गण फोटो 22जीपीजी-11 से 13 25 - मोदी शुगर मिल के बाद इंडस्ट्रियल गुड्स उत्पाद से मश्

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 08:03 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 08:03 PM (IST)
संशोधित खबर : चार गेटों से शुरू हुआ औद्योगिक नगरी का कामयाबी का सफर
संशोधित खबर : चार गेटों से शुरू हुआ औद्योगिक नगरी का कामयाबी का सफर

- तंत्र के गण

loksabha election banner

फोटो 22जीपीजी-11 से 13, 25

- मोदी शुगर मिल के बाद इंडस्ट्रियल गुड्स उत्पाद से मशहूर हुआ गाजियाबाद

- 12 सरकारी और 15 निजी औद्योगिक क्षेत्रों में पांच लाख कामगार कार्यरत शाहनवाज अली, गाजियाबाद

जी हां, यह गाजियाबाद है। चार गेट (दिल्ली गेट, जवाहर गेट, सिहानी गेट और डासना गेट) से शुरू हुए गाजीउद्दीन नगर ने उद्योग नगरी गाजियाबाद तक कामयाब सफर तय किया। शुरूआती उद्योग के तौर पर आजादी से पूर्व यहां वर्ष 1933 में मोदी शुगर मिल लगाया, जिसके बाद वनस्पति, साबुन और बिस्कुट की फैक्ट्रियां लगीं। यहां के उद्योग प्रदेश सरकार को तीन हजार करोड़ रुपये का राजस्व देते हैं। बात आजादी के अमृत महोत्सव की हो रही है। आजादी के बाद वर्ष 1949 में यहां मोहन मिकिस के रूप में उद्योग लगा, जिसके बाद वर्ष 1955 में औद्योगिक क्रांति हुई और इंजीनियरिग गुड्स उत्पाद के रूप में आयल स्पेलर बनने शुरू हुए। इसके बाद उद्योग लगने का सिलसिला शुरू हुआ और बढ़ता चला गया। वर्ष 60-70 के दशक में यहां बुलंदशहर रोड के रूप में पहला औद्योगिक क्षेत्र विकसित हुआ। इसके बाद अभी तक यहां 12 सरकारी और 15 निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित हुए हैं। सरकारी में करीब आठ हजार से अधिक उद्योग स्थापित हैं, जबकि निजी औद्योगिक क्षेत्रों में छोटी-बड़ी चार से पांच हजार इकाइयां संचालित हो रही हैं, जिनमें करीब पांच लाख कामगार कार्यरत हैं, जो देश के कोने-कोने से रोजगार के लिए यहां निवास कर रहे हैं। मोदीनगर से भी हुई जिले की पहचान

मोदी शुगर मिल वर्ष 1933 में स्थापित हुई। क्षेत्र में पहली औद्योगिक इकाई की स्थापना पदम भूषण राय बहादुर गुजरमल मोदी ने की। इसके अलावा मोदी ग्रुप की पिछले ढाई दशकों में कई बड़ी इकाइयां बंद हो चुकी हैं। बंदी का यह सिलसिला वर्ष 1983 से शुरू होकर 2007 तक चला, जिसमें करीब एक दर्जन इकाइयां बंद हुईं। मोदी स्पीनिग एंड वीविग मिल परिसर की पांच यूनिट में धागा और कपड़ा बनता था। इसके बाद लालटेन, साबुन और वनस्पति इकाई के बाद वर्ष 1993 में मोदी स्टील और वर्ष 2007 में नायलोन का धागा बनाने वाल मोदीपोन बंद हुई। फिलहाल उमेश मोदी ग्रुप को संभालते हैं। उमेश मोदी समूह के महाप्रबंधक जनसंपर्क डीडी कौशिक कहते हैं कि पिछले तीन दशक में प्रबंधन व राजनीतिक कारणों से मोदी समूह के बड़े उद्योग बंद हुए। लेकिन उमेश मोदी समूह अब उद्योगों को दोबारा शुरू करने की कोशिश में है। अब दोबारा से शुरू हो गई है। इसमें उन लोगों को रोजगार देने के लिए प्राथमिकता दी गई है जो इसमें पहले काम करते थे। कई राज्यों के मरीजों को दी सांस

वर्ष 2021 जिदगी का सबसे खतरनाक साल गुजरा, जब जानलेवा कोरोना संक्रमण ने लोगों की सांसें अटका दी थी। ऐसे में अपने-अपने करीबी मरीज की अटक रही सांसों को आक्सीजन दिलाने के लिए हर कोई मारा-मारा फिर रहा था। डाक्टर से लेकर सरकारी तंत्र तक लाचार था। तब मोदीनगर क्षेत्र में लगे आक्सीजन प्लांट ने दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों के मरीजों को आक्सीजन के एप में सांस दी। जीवनदान देने वाला यह उद्योग आजादी के अमृत महोत्सव में सबसे खास रहा। सीएफसी की राह आसान, निर्यात उद्योग केंद्र तैयार

जिले में कामन फेसिलिटी सेंटर (सीएफसी) खुलने की राह आसान हुई। अजय कुमार गर्ग इंजीनियर कालेज (एकेजीआइसी) परिसर में सीएफसी में टेस्टिग, क्वालिटी कंट्रोल, प्रोडक्ट डिजाइन डेवलपमेंट व माडल टूल रूम की सुविधा होगी। इसके लिए पांच करोड़ रुपये की धनराशि जारी हो गई है, जो जल्द तैयार होकर संचालित होने लगेगा। इसके अलावा जिला उद्योग केंद्र परिसर में उद्योग निर्यात केंद्र बनकर तैयार हुआ, जिसका उद्घाटन होना बाकी है। जिले के उद्योग तीन हजार करोड़ रुपये का राजस्व देने और रक्षा उपकरणों के अलावा विभिन्न उत्पाद बनाते हैं। बावजूद इसके जिले के औद्योगिक क्षेत्र आजादी के बाद आज तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। उद्योग बंधु की बैठक खडंजा, नाली और अतिक्रमण पर समाप्त हो जाती है। उम्मीद है कि प्रदेश सरकार अब इस ओर ध्यान देगी।

- अरुण शर्मा, अध्यक्ष कविनगर इंडस्ट्रियल एरिया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.