नवीकरणीय ऊर्जा ही भविष्य, तेजी से करना होगा काम: डॉ. जितेंद्र सिंह
जागरण संवाददाता साहिबाबाद देश में पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है कि नवीकरणीय ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग हो। सौर ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा का ऐसा विकल्प है जिसका सर्वाधिक प्रयोग हो सकता है। ऐसे में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले सेंट्रल इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड जैसे उपक्रमों को इसका प्रचार तेज करना चाहिए। सौर ऊर्जा ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के सपने को साकार कर सकती है। ये बातें केंद्रीय विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहीं।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: देश में पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है कि नवीकरणीय ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग हो। सौर ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा का ऐसा विकल्प है, जिसका सर्वाधिक प्रयोग हो सकता है। ऐसे में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले सेंट्रल इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड जैसे उपक्रमों को इसका प्रचार तेज करना चाहिए। सौर ऊर्जा ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के सपने को साकार कर सकती है। ये बातें केंद्रीय विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहीं। वे साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित सेंट्रल इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (सीईएल) के प्लांट में ई-आफिस का शुभारंभ करने पहुंचे थे।
उन्होंने डिजिटलाइजेशन के लिए सीईएल अधिकारियों को बधाई दी। सीईएल के सोलर टेक्नोलाजी पार्क, आटोमेटेड सोलर पीवी माड्यूल निर्माण संयत्र आदि का निरीक्षण किया। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 1974 में सीईएल की नींव रखी गई थी, तब विश्व में कोई और देश सौर ऊर्जा के बारे में ठीक से सोचता तक नहीं था। इसके बावजूद हम देश के लोगों को सौर ऊर्जा की ओर आकर्षित नहीं कर सके। वर्तमान में प्रदूषण व ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सभी को नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की ओर जाना होगा। सौर ऊर्जा की अच्छाइयों का प्रचार करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत में सीईएल जैसे उपक्रमों की जिम्मेदारी सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। प्रदूषणमुक्त और पर्यावरण संरक्षण करने वाले भारत के सपने को सीईएल व सौर ऊर्जा पर काम कर रहे अन्य उपक्रम ही साकार कर सकते हैं।
कालेज व स्कूल के छात्रों को करें आमंत्रित:
केंद्रीय मंत्री ने सोलर टेक्नो पार्क के निरीक्षण के दौरान सौर ऊर्जा से चलने वाले टीवी, फ्रिज व कूलर आदि को देखा। उन्होंने कहा कि सीईएल के अधिकारी स्कूल व कालेज के छात्रों को प्लांट में आमंत्रित करें। उन्हें सौर ऊर्जा से चलने वाले इन सभी उपकरणों को दिखाएं। छात्रों को सौर ऊर्जा की जानकारी होगी तो उनकी इसमें रुचि बढ़ेगी। तभी देश को इस क्षेत्र में शोध करने वाले साइंटिस्ट मिलेंगे। साथ ही स्टार्टअप शुरू होंगे और रोजगार का भी सृजन होगा। उन्होंने कहा कि 1974 से अब तक जो हुआ, उसे भूल जाएं। अब हम आ गए हैं, तो नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम होगा। सीईएल के निजीकरण के बारे में उन्होंने कहा कि वह अधिकारियों से इस संबंध में बात कर रहे हैं। निजीकरण व विनिवेश की आवश्यकता क्यों है, इसके विषय में बातचीत हो रही है। उन्होंने सीईएल द्वारा सुरक्षा बलों और रेलवे को दिए जा रहे तकनीकी उपकरणों की सराहना की। सीईएल के प्रबंध निदेशक चेतन प्रकाश जैन ने बताया कि बीते करीब 40 साल से जिस तरह से कंपनी देश सेवा करती आ रही है, यह क्रम जारी रहेगा। कार्यक्रम में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के संयुक्त सचिव केआर वैधीस्वरण और प्रशांत कुमार झा मौजूद थे।