चिकित्सक की राय पर ही कान में डालें दवा: राकेश
जागरण संवाददाता गाजियाबाद कान में खुजली होने पर तेल डालना खतरनाक हो सकता है। माचिस की
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: कान में खुजली होने पर तेल डालना खतरनाक हो सकता है। माचिस की तिल्ली से कान खुजाने से भी पर्दे को नुकसान संभव है। यह बात जिला एमएमजी अस्पताल के नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार ने कानों से कम सुनाई देने और बहरेपन आदि समस्याओं से बचाव व रोकथाम के लिए बुधवार को आयोजित श्रवण दिवस के मौके पर कही।
उन्होंने बताया कि कान में दर्द होने पर कई लोग तेल डाल लेते हैं। ऐसा न करें। कान में तेल डालने से धूल के कण कान के पर्दे पर जाकर चिपक जाते हैं और कई बार यह कान में संक्रमण का कारण बन जाता है। कान में दर्द की शिकायत पर चिकित्सक को जरूर दिखाएं। डॉक्टर की सलाह पर ही कान में कोई दवा डालें। डॉ. नीरज गोयल ने कहा कि कान बहुत संवेदनशील होते हैं। बच्चों को कान में नुकीली चीजें डालने से रोकें। कई बार बच्चे पेन कान में डालकर खुजली करने लगते हैं। उन्हें बताएं कि यह खतरनाक हो सकता है। उन्होंने बच्चों के अभिभावकों को भी सलाह दी है कि कभी भी बच्चे के कान पर न मारें। तेज शोर होने पर अपने कान पर हाथ रख लें। कान में पानी नहीं जाने दें। कान में मवाद और खून आना गंभीर लक्षण हो सकते हैं। इससे बहरेपन का खतरा हो सकता है। कान में झनझनाहट जैसी शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। कई निजी अस्पतालों एवं सीएमओ कार्यालय में भी श्रवण दिवस का आयोजन किया गया।