दिक्कत: लोकल ट्रेनें बनीं नशेड़ियों का अड्डा, यात्री परेशान
जागरण संवाददाता गाजियाबाद लोकल ट्रेन नशेड़ियों का अड्डा बन चुकी हैं। चलती ट्रेन में लोग खुलेआम बीड़ी-सिगरेट पीते हैं। वहीं कई लोग शाम की ट्रेन को मयखाना बना लेते हैं। शराब और धुएं की गंध से परेशान यात्रियों का कहना है कि लगातार शिकायत के बावजूद रेलवे पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। न ही लोकल ट्रेन में कोई पुलिसकर्मी तैनात रहता है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: लोकल ट्रेन नशेड़ियों का अड्डा बन चुकी हैं। चलती ट्रेन में लोग खुलेआम बीड़ी-सिगरेट पीते हैं। वहीं कई लोग शाम की ट्रेन को मयखाना बना लेते हैं। शराब और धुएं की गंध से परेशान यात्रियों का कहना है कि लगातार शिकायत के बावजूद रेलवे पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। न ही लोकल ट्रेन में कोई पुलिसकर्मी तैनात रहता है। ट्विटर पर मिल रहा सिर्फ आश्वासन : नितिन ने पानीपत-गाजियाबाद ईएमयू की एक फोटो ट्विटर पर डाली है। फोटो में ट्रेन की फर्श पर बैठे लोगों में से एक के हाथ में बीड़ी सुलग रही है। नितिन के फोटो पर जवाब देते हुए दीपक ने लिखा है कि यह रोज की कहानी है। यात्री ट्रेन में ही धूमपान और शराब का सेवन करते हैं। इस बारे में शिकायत करने पर आश्वासन मिलता है, लेकिन रेल प्रशासन ठोस कदम नहीं उठा रहा है। यात्रियों का आरोप है कि लोकल ट्रेनों में कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं होने से ऐसा करने वालों का दुस्साहस बढ़ रहा है। इस कारण बाकी यात्रियों को परेशान होना पड़ता है। मास्क भी नहीं लगाते : दैनिक यात्री संघ के सदस्य अजय शर्मा का कहना है कि ट्रेन में अव्यवस्था चंद दैनिक यात्री ही फैलाते हैं। इससे पूरे संघ को बदनामी झेलनी होती है। ट्रेन में यात्रा के दौरान ये चंद लोग ही धूमपान और शराब का सेवन करते हैं। ट्रेन में दबंगई दिखाते हैं और मास्क भी नहीं पहनते हैं। अजय शर्मा का कहना है कि सभी लोकल ट्रेनों का यही हाल है। सुबह और शाम के समय स्थिति सबसे ज्यादा बदतर रहती है। अजय के मुताबिक लोकल ट्रेनों में कम से कम एक सिपाही की स्थायी तैनाती की जानी चाहिए। वर्जन.. ट्रेन में तैनाती मुख्यालय से होती है। स्टेशन पहुंचने पर ट्रेन की चेकिग के निर्देश दिए हैं। सूचना देने के लिए रेल मदद-139 या आरपीएफ के नंबर 9717648432 पर फोन करें।
-एनएम वशिष्ठ, सहायक सुरक्षा आयुक्त, आरपीएफ।