दो दिन तक गर्भवती महिला को नहीं किया अस्पताल में भर्ती
फोटो संख्या 39 जागरण संवाददाता गाजियाबाद कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भत
फोटो संख्या 39
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती करने के नाम पर चिकित्सक बच रहे हैं। शनिवार को रजापुर गांव के चालक राकेश मंडल की पत्नी दुर्गी को प्रसव पीड़ा होने पर जिला महिला अस्पताल में ले जाया गया। जहां भर्ती करना तो दूर अंदर प्रवेश तक नहीं होने दिया गया। मामला सीएमएस के पास पहुंचा तो कोविड जांच के बाद अगले दिन आने को कह दिया। जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर गर्भवती महिला फिर अस्पताल पहुंची।
इस बार चिकित्सकों ने गंभीर हालत बताकर दिल्ली जाने की सलाह दी। मजबूर चालक ने कविनगर के अग्रवाल हास्पिटल में पत्नी को भर्ती करा दिया। सोमवार देर रात को दुर्गी ने एक बेटी को जन्म दिया। खास बात यह है कि राकेश ने अपना ई-रिक्शा गिरवी रखकर निजी अस्पताल में डिलीवरी कराई है। उधर सीएमएस संगीता गोयल का कहना है कि महिला की दो डिलीवरी आपरेशन के जरिये होने की वजह से दिल्ली रैफर करने को कहा गया था।
बेटा होने पर महिला से मांगा नजराना
डिलीवरी के नाम पर 2100 रुपये मांगने पर मंगलवार को जिला महिला अस्पताल में हंगामा हुआ। महिला से स्टाफ नर्स एवं वार्ड आया ने पैसे मांगे। इसकी शिकायत करने पर महिला पर पूरा अस्पताल नाराज हो गया। महिला ने बेटे को जन्म दिया है। बेटे को तीन घंटे तक मां को नहीं दिया गया। नजराना लेने के बाद ही बेटा मां के पास भेजा गया। महिला की सास घरों में काम करती है। उधर सीएमएस संगीता गोयल का कहना है कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई प्रकरण नहीं आया है। होगा तो जांच कराई जाएगी।