कंस्ट्रक्शन कारोबारी की हत्या की आशंका
जागरण संवाददाता गाजियाबाद राजनगर एक्सटेंशन से 26 जून की रात संदिग्ध हालात में लापता हुए कं
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: राजनगर एक्सटेंशन से 26 जून की रात संदिग्ध हालात में लापता हुए कंस्ट्रक्शन कारोबारी विक्रम त्यागी की हत्या की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो गाजियाबाद से मुजफ्फरनगर तक पुलिस ने गंगनहर में भी तलाश शुरू कर दी है। तितावी में पानीपत-खटीमा मार्ग पर होटल के पीछे से मिली विक्रम की इनोवा क्रिस्टा कार की पिछली सीट पर खून के धब्बे मिले हैं। सीट पर भी चाकू से कटने के निशान हैं। अंदेशा है कि पीछे की सीट पर बैठाकर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर हत्या की गई है। गाजियाबाद से लेकर मुजफ्फरनगर तक हर जिले की टीम तलाशी में जुटी हुई है। विक्रम की कार नहर के रास्ते ही मुजफ्फरनगर ले जाई गई है, क्योंकि कार पर लगे फास्टैग का उपयोग जोन के किसी भी टोल प्लाजा पर नहीं हुआ। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि सर्विलांस व साइबर सेल, स्वाट टीम के अलावा चार टीम लगी हुई हैं। लूट या फिरौती आदि की बात सामने नहीं आई है। विक्रम का मोबाइल ही गायब है। कुख्यात आशु गैंग ने तो नहीं की घटना
राजनगर एक्सटेंशन की केडीपी ग्रैंड सवाना सोसायटी में रहने वाले विक्रम शुक्रवार शाम पौने सात बजे पटेलनगर स्थित अपने कार्यालय से निकले थे। एक घंटे बाद उनकी चचेरे भाई अरुण से बात हुई थी। उस समय विक्रम ने खुद को सोसायटी के पास बताया था। बातचीत के दौरान अचानक विक्रम का फोन कट गया। दोबारा फोन लगाया तो कॉल रिसीव होने के बावजूद उनसे बात नहीं हुई और फिर दो बार लगातार रिग जाने के बाद भी विक्रम का फोन नहीं उठा। रात करीब 10 बजे विक्रम की पत्नी निधि ने अरुण को फोन कर बताया कि वह अभी तक घर नहीं पहुंचे। शनिवार को चचेरे भाई अक्षय ने थाना सिहानी गेट में विक्रम के संदिग्ध हालात में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विक्रम की लास्ट लोकेशन राजनगर एक्सटेंशन में ही गौर कास्केड के आसपास मिली। विक्रम जीडीए के ठेकेदार संजय त्यागी के भतीजे हैं और चाचा व तीनों चचेरे भाइयों के साथ कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं। अभय ने बताया की कार की डिग्गी नहीं खुल रही है। अंदेशा है कि विक्रम की कार को पीछे से टक्कर मारी गई। इस कारण आशंका जताई जा रही है कि कुख्यात आशु गैंग ने विक्रम के साथ लूट की वारदात तो नहीं की, क्योंकि बीते साल इसी तर्ज पर गाजियाबाद-नोएडा में 5-6 वारदात की थीं। हालांकि अधिकारी अभी इससे इन्कार कर रहे हैं।
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खतौली में चेकपोस्ट से भाग गए थे बदमाश
भाई अभय त्यागी ने बताया कि विक्रम की कार 26 जून की आधी रात के बाद एक बजे मुजफ्फरनगर के खतौली में मेरठ-मुजफ्फरनगर बॉर्डर के पास भंगेला पुलिस चेक पोस्ट पर रोकी गई थी। कार में बैठे दो लोगों ने खुद को दिल्ली पुलिस से बताया था। कार में पिछली सीट पर खून और चाकू के निशान के बारे में पूछे जाने पर आरोपित बैरिकेड गिराकर आरोपित भाग गए थे। इसके करीब 13 घंटे बाद 27 जून की दोपहर दो बजे तितावी थाना पुलिस ने विक्रम के चचेरे भाई एवं पार्टनर अभय त्यागी को फोन कर गाड़ी के वहां होने की सूचना दी थी। भंगेला से 35 किमी दूर कार मिली। भंगेला पर तैनात पुलिसकर्मी ने फोटो देखकर बताया कि कार में विक्रम नहीं बैठे थे। तब गाड़ी में दोनों नंबर प्लेट भी लगी थीं। मगर तितावी में जब कार मिली तो नंबर प्लेट गायब थीं। अभय ने सवाल किया कि 35 किमी तक आरोपित मुजफ्फरनगर पुलिस को छकाते रहे। गाड़ी की आरसी भी बदमाशों ने फेंक दी थी, लेकिन सर्विस का एक कागज पर अभय का नंबर था। इसी पर पुलिस ने फोन किया। गाड़ी शनिवार रात को ही पुलिस गाजियाबाद ले आई है।
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पर्स तक नहीं था विक्रम के पास
अभय ने बताया कि लॉकडाउन में विक्रम ने चेन व अंगूठी आदि उतारकर रख दी थीं। शुक्रवार को वह अपना पर्स भी ले जाना भूल गए। उनके पास एक क्रेडिट कार्ड और करीब 1500 रुपये ही थे। लूट को लेकर उनका कहना है कि विक्रम के पास कुछ भी नहीं था, फोन और गाड़ी के सिवा। लूट का इरादा होता तो बदमाश 35 लाख की गाड़ी को न छोड़ जाते। वहीं उन्होंने रंजिश से भी इन्कार किया है। अभय का कहना है कि उनका किसी से भी कोई विवाद नहीं है। न ही विक्रम ने कभी किसी से झगड़े के बारे में कोई सूचना दी है। विक्रम के क्रेडिट कार्ड का भी उपयोग नहीं किया गया है।
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एक घंटे लगातार बात की
पुलिस ने विक्रम की सीडीआर निकलवाई तो सात बजे से आठ बजे यानी मोबाइल स्विच आफ होने तक लगातार बात की गई है। 5-6 नंबर पर बार-बार बात हुई है। पुलिस के मुताबिक ये सभी मोबाइल नंबर विक्रम के रिश्तेदार व करीबियों के हैं। इन सबसे पूछताछ की जा रही है। अरुण का भी कहना है कि उन्होंने विक्रम को फोन लगाया था तो बिजनेस के सिलसिले में 6-7 मिनट तक बात होती रही थी।
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500 सीसीटीवी कैमरों में नहीं दिखी कार
एसएसपी ने इस मामले की विवेचना एडिशनल एसएचओ को ट्रांसफर कर दी है। पटेलनगर से लेकर राजनगर एक्सटेंशन और यहां से मुरादनगर व मोदीनगर तक 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए हैं। हालांकि फुटेज में कुछ भी स्पष्ट नहीं दिख रहा है। रात का वक्त होने के कारण कार किसी भी कैमरे में नहीं दिखी है।
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एसपी सिटी डॉ. मनीष मिश्र के नेतृत्व में चार इंस्पेक्टर, दो सीओ के अलावा क्राइम ब्रांच व साइबर सेल की टीम जुटी हैं। हर एंगल पर जांच की जा रही है। अभी तक रंजिश की भी कोई बात सामने नहीं आई है। जोन के सभी जनपदों की पुलिस के साथ समन्वय किया जा रहा है। जल्द ही मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।
- कलानिधि नैथानी, एसएसपी।
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