तुलसी निकेतन के लोग खुद कराएंगे फ्लैटों की मरम्मत
-लोगों ने कहा- जीडीए अगर कर रहा है विकास तो अनुरक्षण शुल्क देने को हम हैं तैयार जागर
-लोगों ने कहा- जीडीए अगर कर रहा है विकास तो अनुरक्षण शुल्क देने को हम हैं तैयार
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : तुलसी निकेतन कालोनी में फ्लैटों को न तोड़कर विकास कार्य किया जाएगा। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के इस फैसले के बाद लोगों में खुशी का माहौल है। लोगों ने जल्द बैठक कर अपने-अपने फ्लैटों की मरम्मत कराकर इमारतों को मजबूत करने का फैसला लिया है। वहीं, लोगों ने कहा है कि जब जीडीए विकास कार्य कर रहा है तो वह सहयोग करते हुए अनुरक्षण शुल्क भी देंगे।
जीडीए ने तुलसी निकेतन की इमारतों को तोड़कर नई बहुमंजिला इमारतें बनाने और बची हुई जमीन को बेचकर पैसा कमाने की योजना बनाई थी। दरअसल, वर्ष 1990 में आठ हेक्टेयर जमीन पर जीडीए ने वर्ष 2004 ईडब्ल्यूएस व 288 एलआइजी फ्लैट बनाकर तुलसी निकेतन कालोनी बसाई थी। फ्लैट के आवंटन के बाद आवंटियों ने समय-समय पर इमारतों व फ्लैटों की मरम्मत नहीं कराई। इससे इमारतें जर्जर होती गई। जीडीए ने जामिया मिलिया इस्लामिया की टीम से निरीक्षण कराया तो बिल्डिग को रहने लायक नहीं बताया गया। इसपर जीडीए ने इमारतों को तोड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन तुलसी निकेतन कालोनी में 90 फीसद लोगों के पास फ्लैट की पावर आफ अटार्नी है। जीडीए पुनर्निर्माण के बाद केवल रजिस्ट्री धारकों को ही फ्लैट देता। इसका लोगों ने विरोध करते हुए इमारतों को नहीं तोड़ने दिया।
जीडीए के अधीक्षण अभियंता एसके सिन्हा का कहना है कि जीडीए ने कालोनी में पेयजल के लिए पाइप लाइन, सीवर लाइन बिछाने के साथ नाली, पार्क और सड़क बनाकर विकास कार्य किया जाएगा। विकास कार्य कराने के बाद कालोनी को नगर निगम को हैंडओवर किया जाएगा।
वर्जन
जीडीए का इमारतों को न तोड़कर विकास कार्य करने का निर्णय सराहनीय है। तुलसी निकेतन के लोगों की आवाज बुलंद करने के लिए दैनिक जागरण के सहयोग के लिए भी आभार। अब फ्लैटों की मरम्मत कराई जाएगी।
-जेके बब्लू, स्थानीय निवासी लोगों की मेहनत रंग लाई है। अब जीडीए विकास कर रहा है तो हम लोग भी अनुरक्षण शुल्क देंगे। जल्द ही आरडब्ल्यूए के बैठक की जाएगी, जिसमें सभी से अपने-अपने फ्लैट की मरम्मत कराने को कहा जाएगा।
-कुलदीप कसाना, अध्यक्ष, आरडब्ल्यूए तुलसी निकेतन