कुन्नूर हेलिकाप्टर हादसे से हतप्रभ हैं शहर के लोग
जागरण संवाददाता गाजियाबाद आज का दिन देशभर के लिए काफी दुखद है। तमिलनाडु के कुन्नूर
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : आज का दिन देशभर के लिए काफी दुखद है। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार सुबह को भारतीय सेना का हेलिकाप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया, जिसमें देश के प्रथम चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित 14 लोग सवार थे। सीडीएस बिपिन रावत सेना के मजबूत स्तंभ के तौर पर थे। उनके बयानों से चीन और पाकिस्तान खौफ खाते थे। हेलिकाप्टर हादसे में उनकी असमय मौत से हर कोई हतप्रभ है। इस बारे में पूर्व सैनिकों और शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार साझा किए।
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जनरल बिपिन रावत का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। आर्मी चीफ के कार्यकाल के दौरान कई बार उनसे मुलाकात हुई। वह हर बार सेना के जवानों का आत्मविश्वास बढ़ाने का कार्य करते थे। साथ ही हमेशा जवानों को नई तकनीक के प्रति जागरूक रहने को कहते थे। जिससे सेना तकनीकी रूप से हर तरह से सक्षम हो।
- सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव, परमवीर चक्र विजेता
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चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी की अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकाप्टर दुर्घटना में आकस्मिक निधन से गहरा आघात पहुंचा है। जनरल विपिन रावत ने देश की सेना के लिए अद्वितीय योगदान दिया और यह एक अभूतपूर्व त्रासदी है। उनका असामयिक निधन हमारे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
- डा. पीएन अरोड़ा, वरिष्ठ समाजसेवी एवं प्रबंध निदेशक यशोदा सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल कौशांबी
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देश के एक महान योद्धा जनरल बिपिन रावत का असमय यूं चले जाना भारतवर्ष के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी योग्यता और क्षमता का कोई मुकाबला नहीं था। उनसे एक मुलाकात ताज होटल में एक टीवी कार्यक्रम में हुई थी। वह हमेशा सेना और देश का मनोबल बढ़ाने के लिए कार्य करते थे। उन्होंने सीमा पर जाकर कहा था कि तुम आतंकियों को भेजो हम उन्हें दो फुट गहरे गड्ढे में गाड़ते रहेंगे। उन्होंने सेना की मजबूती के लिए तमाम कार्य किए।
- कर्नल तेजेंद्रपाल त्यागी (वीर चक्र), अध्यक्ष ,राष्ट्रीय सैनिक संस्था
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मेरे लिए यह भी फº की बात है कि मैं उत्तराखंड़ के उसी पौड़ी जिले से हूं, जहां से सीडीएस जनरल बिपिन रावत थे। उनका असमय चले जाना हिदुस्तान के लिए बड़ा नुकसान है। चीन और पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने जो योजनाएं तैयार की थी, अब उनके क्रियान्वयन में समय लगेगा। उन्होंने सेना के मनोबल को बढ़ाने और देश को सीमाओं पर मजबूत करने के लिए बहुत काम किए।
- राजेंद्र बगासी, नायक