डीएफआरसी के अनुसार तय फीस लेने से स्कूल का इन्कार
जागरण संवाददाता गाजियाबाद वसुंधरा स्थित सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल ने शुक्रवार को एक बार फिर डीएफआरसी (जिला शुल्क नियामक समिति) का निर्णय मानने से इंकार करते हुए फीस जमा नहीं की। अभिभावकों का कहना है कि लगभग 150 लोग फीस जमा करने पहुंचे थे स्कूल प्रबंधन ने डीएफआरसी के अनुसार फीस जमा करने से मना कर दिया। अभिभावकों ने सिटी मजिस्ट्रेट को मामलें से अवगत कराते हुए उचित कार्रवाई की मांग की। सिटी मजिस्ट्रेट ने अभिभावकों से मामले को सुलझाने के लिए मंगलवार तक का समय मांगा है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : वसुंधरा स्थित सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल ने शुक्रवार को एक बार फिर डीएफआरसी (जिला शुल्क नियामक समिति) का निर्णय मानने से इन्कार करते हुए फीस जमा नहीं की। अभिभावकों का कहना है कि लगभग 150 लोग फीस जमा करने पहुंचे थे, स्कूल प्रबंधन ने डीएफआरसी के अनुसार फीस जमा करने से मना कर दिया। अभिभावकों ने सिटी मजिस्ट्रेट को मामलें से अवगत कराते हुए उचित कार्रवाई की मांग की। सिटी मजिस्ट्रेट ने अभिभावकों से मामले को सुलझाने के लिए मंगलवार तक का समय मांगा है।
अभिभावकों ने बताया कि स्कूल के अतिरिक्त शुल्क वृद्धि के संबंध मे डीएफआरसी ने छह जनवरी को अपर जिलाधिकारी वित्त गाजियाबाद की अध्यक्षता में जयपुरिया स्कूल प्रबंधन, अभिभावकों और पदाधिकारियों के बीच में कलक्ट्रेट में बैठक की गई थी। जिसमें डीएफआरसी ने अपने निर्णय में स्कूल को लिखित आदेश दिया कि डीएफआरसी के निर्णय के अनुसार ही फीस जमा की जाएगी। शुक्रवार को अभिभावक तय फीस जमा करने गए, लेकिन स्कूल प्रशासन ने आदेश को मानने से साफ इन्कार कर दिया, अभिभावकों ने प्रधानाध्यापक से मिलने की बात की। तो प्रधानाध्यापक भी अभिभावकों से नहीं मिले। स्कूल प्रबंधन ने डीजीएम साहिल से बात करने की बात कही, लेकिन उन्होंने भी स्कूल मैनेजमेंट से कोई निर्देश नहीं मिलने पर फीस जमा कराने से इंकार कर दिया। इसके बाद अभिभावक कलक्ट्रेट पहुंचे, जहां सिटी मजिस्ट्रेट से मिलकर मामलें से अवगत कराया गया, उन्होंने मामलें को लेकर डीआइओएस से फोन पर बातचीत की। सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ला का कहना है कि अभिभावकों से मंगलवार तक का समय मांगा गया है। स्कूल प्रबंधन से आदेश के अनुपालन के संबंध में बात की जाएगी। जरूरत पड़ने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल प्रधानाचार्य मंजू राणा का कहना है कि हमने किसी आदेश को मानने से इन्कार नहीं किया है। फीस के मामले में कानूनी राय ली जा रही है। मंगलवार तक अभिभावकों को फीस के बारे में बता दिया जाएगा।