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संशोधित : पंचायती चुनाव : दांव पर सत्ताधारी दल की प्रतिष्ठा

अनिल त्यागी मोदीनगर पंचायती चुनाव का आरक्षण तय होने के बाद उम्मीदवारों ने जनसंपर्क तेज कर ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 07:46 PM (IST)
संशोधित : पंचायती चुनाव : दांव पर सत्ताधारी दल की प्रतिष्ठा
संशोधित : पंचायती चुनाव : दांव पर सत्ताधारी दल की प्रतिष्ठा

अनिल त्यागी, मोदीनगर

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पंचायती चुनाव का आरक्षण तय होने के बाद उम्मीदवारों ने जनसंपर्क तेज कर दिया है। जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, यह तो आना वाला वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल कोई भी उम्मीदवार खुद को पीछे मानकर नहीं चल रहा है। जीत के लिए सबके अपने-अपने आंकड़े और दावे हैं। इसी बीच सबसे बड़ी चुनौती सत्ताधारी दल के नेताओं के लिए है। हालांकि, अभी भाजपा के साथ किसी भी राजनीतिक दल ने पार्टी सिबल पर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाने के लिए अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मारामारी भाजपा के टिकट हासिल करने को लेकर है। चुनाव की तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन तमाम राजनीतिक दलों ने गांवों में अपना डेरा जरूर डाल दिया है। 11 मार्च को भोजपुर में रालोद की किसान महापंचायत है जिसमें पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी आएंगे। इसे भले ही किसान महापंचायत नाम दिया गया हो, लेकिन यह किसी से छिपा नहीं है कि पंचायती चुनाव में अपनी पैठ बनाने के लिए शीर्ष नेताओं ने जयंत चौधरी का कार्यक्रम रखवाया है। किसान पंचायत को सफल बनाने के लिए गांव-गांव में रालोद नेता जनसंपर्क भी कर रहे हैं।

जिला पंचायत के वार्ड नंबर-एक की बात करें तो यहां रालोद पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समर्थित अमरपाल सिंह ने रालोद समर्थित पवन चौधरी को 2,060 मतों से हराया था। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए जीत-हार का यह बड़ा अंतर है। चूंकि, इस बार दिल्ली बार्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ लोग धरना भी दे रहे हैं। गांव-गांव जाकर इसको लेकर भाकियू और रालोद माहौल बनाने का काम कर रहे हैं। इसलिए रालोद नेताओं को विश्वास है कि पार्टी समर्थित उम्मीदवार इस चुनाव में बड़े अंतर से जीत दर्ज कर विधानसभा चुनाव की बुनियाद पक्की कर सकते हैं।

ऐसी स्थिति के बीच सबसे बड़ी चुनौती भाजपा नेताओं के लिए है। चूंकि, सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह, विधायक डॉ. मंजू शिवाच, हाल में भोजपुर के ब्लाक प्रमुख कृष्णबीर सिंह भाजपा से जुड़े हैं। इसलिए वार्ड-1 से अपने उम्मीदवार को जिताना इनके लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। शायद इसलिए सांसद, विधायक, प्रमुख से लेकर भाजपा के जिलाध्यक्ष दिनेश सिंहल, मंडल अध्यक्षों ने गांवों में आवाजाही तेज कर दी है। भाजपा पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष मोहित बेनीवाल भी विद्यापुर, भदौला व मुरादनगर के कई गांवों में पंचायत कर लोगों को कृषि कानून के फायदे बता चुके हैं। ध्यान रहे कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में अधिगृहीत जमीन के लिए एकसमान मुआवजा के साथ गन्ना भुगतान की मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। ऐसे में देखना होगा कि पंचायती चुनाव में भाजपा लोकसभा, विधानसभा की तरह अपना परचम लहराएगी या फिर दूसरे दलों से जुड़े उम्मीदवार अपने दावे को सच कर दिखाने में कामयाब होंगे।

पिछले चुनाव की स्थिति : वार्ड नंबर-एक में विद्यापुर, बखरवा, मछरी, शाहजहांपुर, शकूरपुर, भंडौला, सैदपुर-हुसैनपुर-डीलना, चुड़ियाला, मुरादाबाद, भटजन, फजलगढ़, तलहैटा, खेड़ा, त्योड़ी-7, त्योड़ी-13, भटजन, पलौता, मढैंया गांव पड़ते हैं। पिछले चुनाव में कुल 38,285 मतदाता थे, जो बढ़कर 41,658 हो गए हैं। पिछली बार यह अनारक्षित सीट थी, लेकिन इस बार ओबीसी के लिए आरक्षित की गई है।

संभावित उम्मीदवार : अमरपाल सिंह, निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य वार्ड-एक, बसपा के समर्थन से चुनाव लड़े और 7,453 मत हासिल किए। वहीं, रालोद समर्थित पवन चौधरी को 5,393, सैदपुर निवासी धर्मेद्र को 3,848, भाजपा समर्थित बिटटू चौधरी को 3,195 मत मिले। जबकि, अफजान को 2,820 मत मिले। इस बार रालोद से सतीश राठी ने ताल ठोंकी है। वे वर्ष 2000 से लेकर 2010 तक जिला पंचायत रहे। धर्मेद्र भी वर्ष 2010 से 2015 तक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। भाजपा के समर्थन किसको मिलता है, यह तो अभी तय नहीं है, लेकिन पिछली बार चौथे नंबर पर रहे बिट्टू चौधरी एक बार फिर किस्मत आजमाने के लिए लोगों के बीच जा रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा से समर्थन या सिबल मिलने पर ही वह चुनाव लड़ेंगे और निश्चित ही जीत मिलेगी। विद्यापुर गांव के रहने वाले अमित चौधरी भी लोगों के बीच लगातार जा रहे हैं। उनका भी यही कहना है कि पार्टी ने उनको समर्थन दिया तो वे चुनाव लड़ेंगे। इस बीच विद्यापुर के संदीप भी चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। मुरादनगर निवासी ताज चौधरी वार्ड-1 से अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। उनकी पत्नी सहबिस्वा गांव से प्रधान रह चुकी हैं। वर्जन

पंचायती चुनाव में स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहते हैं। विकास के मामले में जो आगे रहेगा। मेरी और परिवार की वोट उसी को जाएगी।

-शाहिद चौधरी, पूर्व प्रधान, मछरी पिछली बार जो कमजोरियां रहीं, उनको दूर करने के लिए पांच साल से लोगों के बीच में हूं। आगे भी रहूंगा। जनता का मुझे पूरा साथ है। निश्चित रूप से मुझे जीत मिलेगी।

-बिट्टू चौधरी, पूर्व उम्मीदवार बिना किसी भेदभाव पांच करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य क्षेत्र में कराए। सुख-दुख में क्षेत्र के लोगों के साथ खड़ा रहा। इसलिए निश्चित ही जनता इस बार भी मुझे जीत दिलाएगी। मेरा सभी से अच्छा व्यवहार रहा है।

-अमरपाल सिंह, निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य चुनाव को लेकर तमाम तैयारियां चल रही हैं। निगाह रखी जा रही है कि कोई उम्मीदवार प्रलोभन तो नहीं दे रहा है। प्रयास है कि चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हो।

-आदित्य प्रजापति, एसडीएम, मोदीनगर


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