दर्द देने वाली नगर पालिका ही दे सकती है उखलारसी हादसा पीड़ितों को दवा
जासं गाजियाबाद नगर पालिका परिषद मुरादनगर द्वारा उखलारसी स्थित अंत्येष्टि स्थल में कराए गए नि
जासं, गाजियाबाद : नगर पालिका परिषद मुरादनगर द्वारा उखलारसी स्थित अंत्येष्टि स्थल में कराए गए निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार होने के कारण छत गिरी तो 25 लोगों की जान चली गई। 25 परिवारों को जीवन भर का दर्द देने वाली नगर पालिका अब इन परिवारों को दवा देने का कार्य भी कर सकती है, जिससे कि नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे इन परिवारों को राहत मिल सकती है। दरअसल, हादसे के बाद मृतकों के परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार नौकरी देने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया था। अब तक मृतकों के परिवार के सदस्य को नौकरी नहीं मिली है। इसकी वजह उनका नगर पालिका में ठेका श्रमिक बनने से इन्कार करना है। मांग है कि संविदा पर नौकरी मिले। इस मांग को लेकर जिलाधिकारी, मंडल आयुक्त और जनप्रतिनिधियों के पास जा चुके हैं।
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि सरकारी नौकरी सिर्फ सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति के असमय निधन पर या परीक्षा पास करने पर ही मिल सकती है। संविदा पर भी नौकरी देने के लिए सरकार ने 2001 में शासनादेश जारी कर रोक लगाई हुई है। इस वजह से आउटसोर्सिंग के माध्यम से ही नौकरी सरकारी या संविदा पर नौकरी नहीं मिल सकती है।
ये है विकल्प: अगर नगर पालिका परिषद मुरादनगर उखलारसी हादसा पीड़ितों को संविदा पर नौकरी देने का प्रस्ताव पास करे और उसमें यह लिखे कि इसमें जो भी खर्च होगा , उसका वहन नगर पालिका द्वारा ही किया जाएगा तो इस प्रस्ताव को जिलाधिकारी शासन के पास भेज सकते हैं। जिसके बाद पीड़ितों को नगर पालिका में संविदा पर नौकरी मिलने के आसार हैं। राकेश टिकैत से मिले हादसा पीड़ित: नौकरी न मिलने के कारण परेशान उखलारसी हादसा पीड़ित मंगलवार को यूपी गेट पर चल रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलन स्थल पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने आंदोलन की अगुआई कर रहे राकेश टिकैत से मुलाकात की है। राकेश टिकैत ने उनकी मांग को शासन, प्रशासन तक पहुंचाने और मदद का आश्वासन दिया है।