किसानों के तालाबंदी के निर्णय से अधिकारी बेचैन
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रभावित किसानों ने कर रखी है सोमवार से तहसील में तालाबंदी की घो
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रभावित किसानों ने कर रखी है सोमवार से तहसील में तालाबंदी की घोषणा
जागरण संवाददाता, मोदीनगर : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रभावित किसानों द्वारा तहसील में तालाबंदी की घोषणा किए जाने से अधिकारी सकते में हैं। अधिकारियों के तमाम प्रयासों के बावजूद किसान अपनी जिद पर अड़े हैं। उधर, मुआवजे के मामले में अभी आश्वासन के सिवाय कोई भी कदम आगे नहीं बढ़ने से किसान नेताओं के सामने करो या मरो की स्थिति बनी हुई है।
ज्ञात हो कि किसान पिछले करीब डेढ़ माह से तहसील में धरने पर बैठे हैं। इससे पहले भी किसान कई बार धरने दे चुके हैं। कई बार किसान इसको लेकर महापंचायत भी बुला चुके हैं। मुख्यमंत्री से लेकर तमाम मंत्री, सांसद, विधायकों व अधिकारियों से किसानों की वार्ता का दौर पिछले एक साल से चल रहा है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला। इसी के चलते अब किसानों ने सोमवार को तहसील में तालाबंदी की घोषणा की हुई है।
अधिकारियों के स्तर पर धरने को उठाने का प्रयास चल रहा था। इसी बीच तालाबंदी के निर्णय ने स्थानीय अधिकारियों की टेंशन बढ़ा दी है। किसान नेताओं से उनकी बात हुई है, लेकिन वे उनकी बात मानने को तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि या तो उनको एकसमान मुआवजा मिले, वर्ना तालाबंदी का अपना निर्णय वह वापस नहीं लेंगे।
किसान नेता डॉ. बबली गुर्जर, रणबीर दहैया, सतीश राठी ने बताया कि अब किसान आश्वासनों से तंग आ चुका है। तालाबंदी कर तहसील में अधिकारियों को तब तक बैठने नहीं दिया जाएगा, जब तब उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। इस बारे में एसडीएम आदित्य प्रजापति का कहना है कि किसानों से बात चल रही है। निश्चित ही किसान बात मान जाएंगे।