अब डीएल वापस लौटने पर नहीं काटने होंगे विभाग के चक्कर
पता गलत होने की वजह से ड्राइविग लाइसेंस लखनऊ वापस लौटने पर अब आवेदक को विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लखनऊ लौट जाने वाला ड्राइविग लाइसेंस पहले आरटीओ कार्यालय आएगा। इसके साथ ही आवेदक के मोबाइल पर मैसेज आएगा। इससे आसानी से उन्हें डीएल मिल सकेगा।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : पता गलत होने की वजह से ड्राइविग लाइसेंस लखनऊ वापस लौटने पर अब आवेदक को विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लखनऊ लौट जाने वाला ड्राइविग लाइसेंस पहले आरटीओ कार्यालय आएगा। इसके साथ ही आवेदक के मोबाइल पर मैसेज आएगा। इससे आसानी से उन्हें डीएल मिल सकेगा।
बता दें कि परिवहन विभाग में डीएल के लिए आवेदन आने के बाद आवेदक का विवरण परिवहन आयुक्त कार्यालय लखनऊ भेजा जाता है। इसके बाद ड्राइविग लाइसेंस कार्ड प्रिट होकर लखनऊ मुख्यालय से ही सीधा आवेदक के घर पर पहुंचता है। लोगों के ऑनलाइन आवेदन के दौरान पते में गड़बड़ी होने के कारण उनके घरों पर डीएल न पहुंचने की शिकायतें आम हैं। ऐसे में तमाम प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद कई-कई माह बाद तक डीएल न मिल पाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कार्ड न मिलने पर आवेदकों ने संभागीय परिवहन अधिकारी को पत्र लिखकर डीएल कार्ड की मांग की थी। इस मामले में परिवहन आयुक्त कार्यालय ने आवेदकों को परेशानी से बचाने के लिए एनआइसी हैदराबाद से पोर्टल शुरू कराया है, जिसमें संबंधित आरटीओ कार्यालयों में ऐसे डीएल का विवरण मिलेगा और इसके माध्यम से आवेदकों के पंजीकृत मोबाइल पर मैसेज पहुंचेंगे। इस मैसेज को अपने मोबाइल पर दिखाकर आवेदक आरटीओ कार्यालय से अपना डीएल प्राप्त कर सकेंगे।
गाजियाबाद संभागीय परिवहन विभाग कार्यालय में बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और हापुड़ जनपद के रुके हुए डीएल मिलेंगे। इसमें डीएल मिलने का समय दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक होगा। अभी तक रुके हुए चारों जनपद के करीब दो हजार ड्राइविग लाइसेंस कार्यालय पहुंचे हैं। हर माह मुख्यालय से वापस लौटने वाले डीएल कार्ड गाजियाबाद कार्यालय आएंगे।
- प्रवीण त्यागी, डीबीए संभागीय परिवहन कार्यालय परिवहन आयुक्त कार्यालय में बढ़ती इस तरह की शिकायतों के बाद पोर्टल तैयार कराया है, जिसके माध्यम से ऐसे सभी आवेदकों के डीएल कार्ड आरटीओ कार्यालय हर माह कार्यालय पहुंचेंगे। इसके साथ ही आवेदक को उक्त पोर्टल से ही मैसेज के माध्यम से सूचित किया जाएगा। वह रोजाना कार्यालय के चक्कर काटने के बजाए मैसेज मिलने पर इसे दिखाकर अपना डीएल प्राप्त कर सके।
-विश्वजीत सिंह, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन