लोन घोटाला : अदालत का सख्त रुख, फरार कारोबारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
केनरा बैंक में हुए करोड़ों के लोन घोटाले में फरार कारोबारी के अभी तक गिरफ्तार न होने को लेकर सोमवार को अदालत का रुख सख्त रहा। सीबीआइ अफसरों को फटकार लगाते हुए अदालत ने फरार कारोबारी सतपाल यादव निवासी बिसरख, गौतमबुद्धनगर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए। वहीं मामले में जेल में बंद बैंक के पूर्व मुख्य
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : केनरा बैंक में हुए करोड़ों के लोन घोटाले में फरार कारोबारी के अभी तक गिरफ्तार न होने को लेकर सोमवार को अदालत का रुख सख्त रहा। सीबीआइ अफसरों को फटकार लगाते हुए अदालत ने फरार कारोबारी सतपाल यादव निवासी बिसरख, गौतमबुद्धनगर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए। वहीं मामले में जेल में बंद बैंक के पूर्व मुख्य प्रबंधक पी. अर¨वदम व ऋषि टपारिया की जमानत अर्जी खारिज करने का निर्णय लिया।
लोक अभियोजक कुलदीप पुष्कर ने बताया कि केनरा बैंक की गाजियाबाद स्थित मालीवाड़ा व दिल्ली स्थित विवेक विहार शाखा से जुड़ा यह घोटाला वर्ष 2009 का है। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर मैसर्स सुप्रीम सेरेमिक्स लिमिटेड को करीब 12.63 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत किया गया, जबकि यह फर्म पूर्व में कई बैंक से लोन ले चुकी थी। साजिश के तहत बिना जांच-पड़ताल किए लोन देकर घोटाले को अंजाम दिया गया। मामले में केनरा बैंक तत्कालीन डीजीएम अशोक कुमार अग्रवाल की शिकायत पर सीबीआइ ने वर्ष 2012 में तत्कालीन डीजीएम चमन रावल, तत्कालीन एजीएम एसके राजदान, पूर्व मुख्य प्रबंधक मालीवाड़ा शाखा वाइपी महाजन, पूर्व मुख्य प्रबंधक विवेक विहार शाखा पी. अर¨वदम, क्रेडिट मैनेजर एसके रुंगटा व बी. रवि, मैसर्स सुप्रीम सेरेमिक्स लिमिटेड के तत्कालीन डायरेक्टर आशीष टपारिया, शरद लोहाटी, ऋषि टपारिया, उपरोक्त फर्म के निदेशक सतपाल यादव, रतन यादव, विकास जोशी व फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। एक आरोपित एसके रुंगटा की मौत हो चुकी है। मामले में कंपनी निदेशक सतपाल यादव फरार चल रहे हैं। अदालत के समन के बावजूद वह पेश नहीं हुए। इस पर अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए।