इलाज में लापरवाही, 637 निजी क्लीनिकों को नोटिस
कोरोना के चलते शहर में चिकित्सा सेवाओं को लेकर निजी चिकित्सकों द्वारा उपचार के नाम पर मरीजों के प्रति कड़ा रूख अपना लिया है। कोई प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के आदेशों को दरकिनार करते हुए जहां क्लीनिक बंद करके खुद क्वारंटाइन में चला गया है तो कोई मरीजों से परामर्श एवं ऑपरेशन के नाम पर दोगुना शुल्क वसूल रहा है। स्वास्थ्य के संज्ञान में मामला आया तो सीएमओ ने सभी निजी चिकित्सकों के साथ ही नर्सिंग होम संचालकों को नोटिस जारी कर दिया है। इतना ही नहीं नोटिस की प्रति महानिदेशक स्वास्थ्य को अलग से भेजी गई है। आइएमए एवं नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष को भी नोटिस की कॉपी प्रेषित की गई है। सीएमओ डॉ. एन के गुप्ता ने नोटिस भेजे जाने की पुष्टि की है। इस नोटिस में लिखा है कि यदि परामर्श शुल्क से अधिक पैसा मरीजों से वसूला गया तो पहले पंजीकरण निरस्त किया जाएगा और
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : कोरोना के चलते शहर के निजी चिकित्सकों ने मरीजों के प्रति रूखा रवैया अपना लिया है। किसी चिकित्सक ने प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के आदेशों को दरकिनार करते हुए जहां क्लीनिक बंद कर दिया तो कोई परामर्श एवं ऑपरेशन के नाम पर मरीजों से दोगुना शुल्क वसूल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में मामला आया तो सीएमओ ने सभी निजी चिकित्सकों के साथ ही नर्सिंग होम संचालकों को नोटिस जारी कर दिया है। इतना ही नहीं नोटिस की प्रति महानिदेशक स्वास्थ्य को अलग से भेजी गई है। आइएमए एवं नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष को भी नोटिस की कॉपी प्रेषित की गई है।
सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने नोटिस भेजे जाने की पुष्टि की है। इस नोटिस में लिखा है कि यदि परामर्श शुल्क से अधिक पैसा मरीजों से वसूला गया तो पहले पंजीकरण निरस्त किया जाएगा और फिर महामारी अधिनियम के तहत विधिक कार्यवाही की जाएगी। इसके तहत एफआइआर का भी प्रावधान है। यह नोटिस जिले में पंजीकृत 637 निजी एलोपैथिक क्लीनिकों के संचालक चिकित्सकों के साथ ही 256 पंजीकृत प्राइवेट हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम के संचालकों को भी भेजा गया है। नोटिस में यह भी लिखा है कि महामारी के समय विभाग का सहयोग करते हुए मरीजों को निशुल्क परामर्श दिया जाना चाहिए था लेकिन इसके विपरीत काम किया जाना नियमानुसार गलत है।