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पढ़िये- क्यों चर्चा में है यूपी की एक महिला आइएएस अफसर, खूबियां कर देंगी हैरान; सीएम योगी भी हुए मेहरबान

आईएएस अधिकारी सौम्या ने प्रसव के समय 8 से 30 सितंबर तक मात्र 23 दिन की छुट्टी ली थी। 17 सितंबर को उन्होंने सिजेरियन से बेटी को जन्म दिया। अब वह तीन सप्ताह की बेटी के साथ इस समय अपने पद के दायित्व का निर्वाह बखूबी कर रही हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 08:28 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 08:28 AM (IST)
पढ़िये- क्यों चर्चा में है यूपी की एक महिला आइएएस अफसर, खूबियां कर देंगी हैरान; सीएम योगी भी हुए मेहरबान
मोदीनगर तहसील की उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सौम्या पांडेय की फाइल फोटो।

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ दफ्तर आ रहीं मोदीनगर (गाजियाबाद) की एसडीएम आइएएस अधिकारी सौम्या पांडेय की कर्तव्य निष्ठा से सीएम योगी आदित्यनाथ भी अभिभूत हैं। इसी के साथ ही सौम्या पांडेय का तबादला  मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) कानपुर देहात के पद पर किया गया। दरअसल, गाजियाबाद में एसडीएम मोदीनगर के पद पर तैनात सौम्या पांडेय ने मां बनने के महज 14 दिन बाद ही अपना कामकाज संभाल लिया था। दुधमुंही बच्ची को गोद में लेकर दफ्तर में फाइलें निपटाने में लगीं रही। इसकी तस्वीरे भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं।

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ममता के आंचल में किलकारी मारता बच्चा जीवन के अनमोल पलों को जीता है। मां भी आने वाली हर मुसीबत से न केवल उसे बचाए रखती है, बल्कि उसकी हर जरूरत का खयाल रखती है। ऐसे में अपने कामकाजी जीवन की अत्यंत व्यस्त दिनचर्या से तारतम्य बिठाना कितना मुश्किल भरा हो सकता है। मोदीनगर तहसील (गाजियाबाद, उप्र) की उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सौम्या पांडेय के रूप में यह नजारा सबने देखा था।

आगे बढ़कर हर जिम्मेदारी को निभाया

प्रयागराज की रहने वाली सौम्या पांडेय 2017 बैच की आइएएस अधिकारी हैं। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशिक्षण अकादमी (मसूरी, उत्तराखंड) की गोल्ड मेडलिस्ट सौम्या को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रस्तुतीकरण (प्रजेंटेशन) देने का अवसर भी मिल चुका है। रक्षा मंत्रलय में सहायक सचिव के रूप में तीन माह की तैनाती के दौरान किए गए विशेष कार्यों के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सौम्या पांडेय को पुरस्कृत कर चुके हैं।

अक्टूबर 2019 में मिली जिम्मेदारी

अक्टूबर 2019 में सौम्या को गाजियाबाद के मोदीनगर में एसडीएम के पद पर तैनाती मिली। कोरोना संकटकाल के दौरान जुलाई 2020 को सौम्या गाजियाबाद में बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी के साथ पूरे जिले की कोविड मॉनिटरिंग सेल का भी प्रभारी बनाया गया। यह जिम्मेदारी उन्हें ऐसे समय में मिली जब वह मां बनने वाली थीं। रोजाना जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों से समन्वय करने की जिम्मेदारी सौम्या पांडेय ने बखूबी निभाई।

मातृत्व के साथ पद की जिम्मेदारी का भी एहसास

पूरी दुनिया कोविड -19 महामारी से जूझ रही है, ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार और चिकित्सकों की ओर से दिशानिर्देश है कि वे कम से कम बाहर निकलें, लेकिन सौम्या पांडेय ने पूरी एहतियात बरतते हुए अपने फर्ज को भी निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह तीन सप्ताह की बेटी के साथ इस समय अपने पद के दायित्व का निर्वाह बखूबी कर रही हैं।

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कैंप कार्यालय में बेटी रहती है साथ

कैंप कार्यालय में काम के दौरान उनकी बेटी हमेशा उनके साथ ही होती है। इससे पहले सौम्या ने प्रसव के समय आठ से 30 सितंबर तक मात्र 23 दिन की छुट्टी ली थी। 17 सितंबर को उन्होंने सिजेरियन से बेटी को जन्म दिया और इसके बाद एक अक्टूबर को डीएम के आदेश पर दोबारा से मोदीनगर एसडीएम का प्रभार संभाल लिया। सौम्या की एक फोटो भी सोशल मीडिया पर इस समय खूब वायरल है। फोटो में वह बेटी को गोद में लेकर कार्यालय में दस्तावेज का निरीक्षण कर रही हैं। उनके इस प्रयास की चौतरफा सराहना भी हो रही है। सौम्या कहती हैं कि वह एक मां होने के साथ-साथ अधिकारी भी हैं और इसी सोच के साथ दोनों जिम्मेदारी निभा रही हैं। सौम्या पांडेय (एसडीएम, मोदीनगर) का कहना है कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। व्यक्ति चाहे तो सब कुछ कर सकता है। बशर्ते उसे अपने जीवन के समय के सदुपयोग के महत्व को समझना होगा।

कथक नृत्य में भी महारथ है हासिल

सौम्या प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज से भरतनाट्यम व कथक की सीनियर डिप्लोमाधारक हैं। पंडित बिरजू महराज की शिष्या उर्मिला शर्मा से उन्होंने कथक सीखा है। सौम्या बचपन में फिल्म अभिनेत्री हेमामालिनी के नृत्य को बार-बार देखती थीं। कथक में सौम्या को कई पुरस्कार भी मिल चुके। इलाहाबाद जार्ज टाउन की मूल निवासी सौम्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां डॉ. साधना पांडेय और पिता डॉ. आरके पांडेय को दिया। सौम्या को कथक के साथ ही भरतनाट्यम व मणिपुरी नृत्य की भी पूरी समझ है। इलाहाबाद संग्रहालय ने इन्हें कई प्रशस्ति पत्र दिए हैं। वह स्कूल और जिला स्तर पर बास्केटबाल की कैप्टन रह चुकी हैं। सौम्या पांडेय का कहना है कि उन्होंने  2 वर्ष तक गुरु संजय ढींगरा से शिक्षा ली। इसके बाद बिरजू महाराज की शिष्या उर्मिला शर्मा से कथक सीखना शुरू कर दिया। प्रयाग संगीत समिति की ओर से संचालित अखिल भारतीय प्रतियोगिता, यूपी संगीत नाट्य अकादमी, राष्ट्रीय बालश्री में कई पुरस्कार मिले हैं। लाल बहादुर शास्त्रीय अकादमी के नृत्य प्रतियोगिता 2018 में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया है। युवा बास्केटबाल प्लेयर का भी खिताब जीत चुकी हैं। एनसीसी कैडेट के रूप में बी सार्टिफिकेट भी मिल चुका है। सीबीएससी बोर्ड से हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण किया। एनआईआईटी इलाहाबाद से बीटेक की डिग्री हासिल की हैं।

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