UP Election 2022 : आधी आबादी के मुद्दों की बिसात पर होगी शह और मात
गाजियाबाद की पांचों विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को मतदान होना है। मतदान में एक माह से भी कम का समय बचा है। राजनीतिक दल पूरा जोर लगाकर आनलाइन माध्यमों से वोटरों तक पहुंच रहे हैं। इस बार सभी दल महिला वोटरों पर विशेष फोकस कर रहे हैं।
साहिबाबाद [सौरभ पांडेय]। जहां नारी का सम्मान होता, वहां देवता वास करते हैं। ये पंक्तियां भले ही पूजा पाठ के दौरान पढ़ी जाती हों लेकिन आजकल गाजियाबाद की पांचों विधानसभा में नेता इन्हें अपना ध्येय वाक्य बता रहे हैं। पांचों विधानसभा क्षेत्रों में महिला वोटर निर्णायक भूमिका में जो हैं। ऐसे में हर राजनीतिक दल खुद को महिलाओं का हितैषी बता रहा है। कोई दल अपने महिला प्रकोष्ठ के बल पर महिला वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रहा है तो कोई महिला अपराध को खत्म करने का दावा कर रहा है।
गाजियाबाद की पांचों विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को मतदान होना है। मतदान में एक माह से भी कम का समय बचा है। राजनीतिक दल पूरा जोर लगाकर आनलाइन माध्यमों से वोटरों तक पहुंच रहे हैं। इस बार सभी दल महिला वोटरों पर विशेष फोकस कर रहे हैं। पांचों विधानसभा सीटों पर लगभग 45 प्रतिशत संख्या महिला वोटरों की है। ऐसे में हर आनलाइन मीटिंग में महिला सुरक्षा, महंगाई, विधवा पेंशन और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने के वादे किये जा रहे हैं।
ये है महिला वोटरों की ताकत
सभी विधानसभा सीटों पर आधी आबादी यानी महिला वोटर निर्णायक भूमिका में ऐसे ही नहीं माना जा रहा। विधानसभा वार बात करें तो मुरादनगर में कुल 4.53 वोटरों में से 2.08 लाख महिलाएं हैं। 46 प्रतिशत महिला वोटर होने के चलते यहां महिलाओं के मुद्दे प्राथमिक हो गए हैं। लोनी में कुल 5.10 लाख मतदाताओं में से 2.26 लाख महिलाएं हैं जो 44.31 प्रतिशत हैं। साहिबाबाद के कुल 10.12 वोटरों में से 4.40 लाख अर्थात 43.47 प्रतिशत, गाजियाबाद के कुल 4.69 में 2.10 लाख यानी 44.77 प्रतिशत महिला वोटर और मोदीनगर के कुल 3.30 लाख मे से 1.52 लाख महिला अर्थात 46.06 प्रतिशत हैं
हर पार्टी की अलग रणनीति
भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के अनुसार भाजपा का महिला प्रकोष्ठ लगातार महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है। महिला प्रकोष्ठ की पकड़ हर बूथ तक है। वर्तमान सरकार ने महिलाओं को भयमुक्त किया है। यही संदेश महिलाओं तक पहुंचाया जा रहा है। पूर्व प्रदेश महिला आयोग सदस्य राजदेवी चौधरी के अनुसार महिलाओं को सम्मान दिलाने का काम सिर्फ समाजवादी पार्टी ही कर सकती है। उधर, आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष चेतन त्यागी का कहना है कि महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ही पार्टी ने साहिबाबाद से महिला उम्मीदवार को उतारा है। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की सदस्य डौली शर्मा का कहना है कि महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई सिर्फ कांग्रेस लड़ती आई है। महिला कांग्रेस कमेटी लगातार महिलाओ के हित में काम कर रही है।
महिला सुरक्षा, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की योजना हर पार्टी के मुख्य एजेंडे में होनी चाहिए। जो पार्टी इस दिशा में काम करेगी उसे ही महिलाओं का साथ मिलेगा।
डा. पारुल पांडेय, निदेशिका श्रेष्ठ अभ्यास फाउंडेशन
महिलाओं के साथ अपराध में कुछ कमी तो आई है लेकिन आज भी महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी तभी उनके मुद्दे सरकार की प्राथमिकता बन सकते हैं। जो पार्टी इस दिशा में काम करेगी उससे महिलाएं जरूर जुड़ेंगीं।
मुक्ति बत्रा, अध्यक्ष, एलएनएस क्लब वैभवी
आंकड़ों में
- विधानसभा क्षेत्र कुल मतदाता पुरुष महिला
- लोनी 5,10,666 2,89,804 2,26,732
- मुरादनगर 4,53,977 2,45,261 2,08,684
- साहिबाबाद 10,12,154 5,71,503 4,40,594
- गाजियाबाद 4,69,505 2,58,547 2,10,934
- मोदीनगर 3,30,894 1,78,327 1,52,531