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Kisan Andolan At UP Border: राकेश टिकैत की अगुवाई वाले गाजीपुर बॉर्डर पर खुल गया टेंट के अंदर का 'राज', पढ़ें- पूरा मामला

Kisan Andolan At UP Border 2000 लोगों के लिए टेंट लगाए गए हैं। मगर यहां पर महज तीन से चार सौ प्रदर्शनकारी ही बचे हैं। उनमें से भी करीब सौ प्रदर्शनकारी आसपास के गांवों व जिलों के हैं जो आते-जाते रहते हैं। इस वजह से टेंट सूने रहते हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 08:38 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 08:38 AM (IST)
Kisan Andolan At UP Border: राकेश टिकैत की अगुवाई वाले गाजीपुर बॉर्डर पर खुल गया टेंट के अंदर का 'राज', पढ़ें- पूरा मामला
यूपी गेट पर महज तीन से चार सौ प्रदर्शनकारी ही बचे हैं।

नई दिल्ली/गाजियाबाद [अवनीश मिश्र]। यूपी गेट पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शन में गिनती के प्रदर्शनकारी बचे हैं, मगर यहां पर लगाए गए सभी टेंट यथावत हैं। इससे तस्दीक हो रही है कि नेता टेंटों के सहारे धरना चला रहे हैं। बता दें कि तीनों कृषि कानूनों के विरोध में और इन्हें पूरी तरह से रद करने की मांग को लेकर यूपी गेट पर 28 नवंबर से धरना-प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर के नीचे, संपर्क मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की दिल्ली जाने वाली लेन पर टेंट लगाकर कब्जा किया हुआ है। प्रदर्शनकारियों के टेंट खोड़ा के इतवार पुश्ता के आगे तक लगे हैं। बता दें कि यूपी गेट पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों का आंदोलन चल रहा है, लेकिन वह बहुत कम यहां पर रहते हैं।

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किसान आंदोलन हुआ फुस्स

वहीं, आंकड़ों की बात करें, तो यहां पर 25 बड़े, 70 मंझले और सौ छोटे टेंट लगे हैं। बड़े टेंट में 40, मंझले में 10, छोटे में दो प्रदर्शनकारियों के ठहरने का स्थान है। इस प्रकार यहां 1900 प्रदर्शनकारियों के ठहरने के इंतजाम हैं। इसके अलावा 17 लंगर चल रहे हैं। इनमें भी ठहरने की व्यवस्था है, मगर स्थिति यह है कि यहां पर महज तीन से चार सौ प्रदर्शनकारी ही बचे हैं। उनमें से भी करीब सौ प्रदर्शनकारी आसपास के गांवों व जिलों के हैं, जो आते-जाते रहते हैं। इस वजह से टेंट सूने रहते हैं। सच्चाई तो यह है कि टेंट के बहाने यह राज छिपाया जा रहा है कि किसान आंदोलन फुस्स हो चुका है और आंदोलनकारी नाम मात्र के लिए यहां पर बचे हैं।

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किसान नेता की कोशिश असफल, नहीं बढ़ रहे आंदोलकारी

प्रदर्शनकारियों को यहां पर रोके रखने और भीड़ बढ़ाने के लिए नेता लग्जरी व्यवस्थाएं, पंचायत आदि कर रहे हैं। यह सभी हथकंडे फेल हो रहे हैं। यहां पर नए प्रदर्शनकारी नहीं आ रहे हैं। फिर भी नेता टेंट नहीं हटा रहे हैं। इससे पता चल रहा है कि अब धरना टेंटों के सहारे चल रहा है।

नरेश टिकैत भी नहीं जुटा पा रहे भीड़

सच्चाई तो यह है कि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी अब यूपी गेट पर भीड़ जुटाने में नाकाम हैं। वह एक महीने के दौरान 2 बार महापंचायत कर चुके हैं। 18 मार्च को हुई महापंचायत में भीड़ तो जुटी, लेकिन वह प्रायोजित थी, लेकिन पिछले दिनों हुई महापंचायत में आई बेहद कम भीड़ ने नरेश टिकैत को भी चिंता में डाल दिया।

सूनी रहीं सड़कें

बृहस्पतिवार को यहां टेंटों के आगे की सड़कें पूरी तरह से सूनी रहीं। लंगर भी खाली रहे। वहीं, दूसरी तरफ रास्ता बंद होने के कारण लाखों वाहन चालक चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं। गौड़ ग्रीन एवेन्यू, मोहन नगर और भोपुरा पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही।


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