जिले में कई जगहों पर छिपकर रह रहे रोहिंग्या व बांग्लादेशी, देश और समाज के लिए हैं खतरा
लखनऊ एटीएस द्वारा गाजियाबाद से दो रोहिंग्या की गिरफ्तारी के बाद एक बार जिले में रह रहे रोहिंग्या व बांग्लादेशियों को लेकर माहौल गर्म हो गया है। गिरफ्तारी के बाद तय हो गया है कि जिले में अन्य रोहिंग्या व बांग्लादेशी भी छुपकर रह रहे हैं।
गाजियबाद, जागरण संवाददाता। लखनऊ एटीएस द्वारा गाजियाबाद से दो रोहिंग्या की गिरफ्तारी के बाद एक बार जिले में रह रहे रोहिंग्या व बांग्लादेशियों को लेकर माहौल गर्म हो गया है। गिरफ्तारी के बाद तय हो गया है कि जिले में अन्य रोहिंग्या व बांग्लादेशी भी छुपकर रह रहे हैं और उन्होंने जिले को अपना ठिकाना बनाया हुआ है। ये लोग न सिर्फ देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं बल्कि इनसे समाज को भी खतरा है।
हालांकि करीब दो साल पूर्व लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने जिले में एक लाख से अधिक रोहिंग्या व बांग्लादेशी नागरिक होने का आरोप लगाया था। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र भी लिखा था। उन्होंने मांग की थी कि जिले में अभियान चलाकर रोहिंग्या व बांग्लादेशियों की धरपकड़ की जाए। ये लोग देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। लेकिन इस पत्र के बाद भी कोई अभियान नहीं चला।
गाजियाबाद में दो रोहिंग्या की गिरफ्तारी के बाद अब लोनी विधायक दोबारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे। मुख्यमंत्री व केंद्रीय गृहमंत्री को लिखे पत्र में लोनी विधायक ने कहा था कि जिले में करीब 20 हजार रोहिंग्या व 80 हजार से अधिक बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं। ये लोग विभिन्न तरीकों से अपराधों में लिप्त हैं। ये लोग देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा हैं। इसके चलते इनकी धरपकड़ के लिए जिले में अभियान चलाया जाए। ताकि इनकी धरपकड़ की जा सके। नंदकिशोर गुर्जर का कहना है कि वह इस संबंध में एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखेंगे।
इन स्थानों पर है रोहिंग्या व बांग्लादेशियों के छिपे होने का अंदेशा
मसूरी, डासना, कैला भट्ठा, लोनी, ट्रॉनिका सिटी, लोनी बॉर्डर क्षेत्र, अंसार विहार, बंगाली कॉलोनी, इनाम विहार, लक्ष्मी गार्डन, कासिम विहार, रामपार्क समेत कई अन्य कॉलोनियों में इनके छुपे होने का अंदेशा है।
कई अपराधों में हैं लिप्त
आरोप है कि ये लोग गोकशी, नशे के कारोबार, लूट, चोरी, डकैती जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। पुलिस-प्रशासन और खुफिया तंत्र जांच कर इनकी पहचान कर सकता है।