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कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर प्रशासन की तैयारी, बच्चों के इलाज के लिए चुने गए अस्पताल

एनएच नौ स्थित राम सरन गर्ग इंडो-जर्मन अस्पताल को बच्चों के उपचार के लिए चयनित किया गया है। वर्चुअल आइसीयू के माध्यम से देश के अव्वल संस्थानों के डॉक्टर जुड़ सकेंगे। सभी निजी अस्पताल प्रबंधकों को बच्चों के उपचार के लिए दस बेड आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 05:09 PM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 05:09 PM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर प्रशासन की तैयारी, बच्चों के इलाज के लिए चुने गए अस्पताल
एनएच नौ स्थित राम सरन गर्ग इंडो-जर्मन अस्पताल को बच्चों के उपचार के लिए चयनित किया गया है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। एनएच नौ स्थित राम सरन गर्ग इंडो-जर्मन अस्पताल को बच्चों के उपचार के लिए चयनित किया गया है। इसमें डॉक्टर वर्चुअल आइसीयू के माध्यम से देश के अव्वल संस्थानों के डॉक्टर जुड़ सकेंगे। जिले के सभी निजी अस्पताल प्रबंधकों को बच्चों के अपचार के लिए दस-दस बेड आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार को डीएम अजय शंकर पांडेय ने अस्पताल की व्यवस्था का जायजा लिया।

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डीएम अजय शंकर पांडेय ने बताया कि इस अस्पताल में बच्चों के उपचार के लिए 60 बेड, एक वेंटीलेटर और आइसीयू की सुविधा उपलब्ध रहेगी। जल्द ही इस अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट भी बनाया जाएगा। जिला प्रशासन ने बाल रोग विशेषज्ञों की सूची बना ली है। इस अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ बच्चों का उपचार करेंगे। आइसीयू वार्ड में एनीथीसिया के डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे। बच्चों के लिए प्रशिक्षित मेडिकल व पेरामेडिकल स्टाफ को रखा जाएगा। सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाली सभी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहेंगी। यहां पर उन स्टाफ नर्स को रखा जाएगा, जो बच्चों की देखभाल करने में दक्ष होंगी।

अस्पताल की तरफ से अभिभावकों को उनके बच्चों की स्थिति के बारे में दिन में तीन से चार बार अपडेट किया जाता रहेगा। अस्पताल सीसीटीवी कैमरों से लैस रहेगा। जिले के सभी निजी अस्पतालों को बच्चों के लिए दस-दस बेड आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी को अस्पताल में बच्चों के उपचार के मुकम्मल व्यवस्था कराने के लिए कहा है।

कालाबाजारी करने वालों की खैर नहींकोरोना की दूसरी लहर में कुछ लोगों ने ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर मोटा मुनाफा कमाया है। पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की। पुलिस की सख्ती के चलते कालाबाजारी के मामलों में कमी आई है। तीसरी लहर में कालाबाजारी करने वालों पर खास नजर रहेगी। जिला प्रशासन की तरफ से आदेश दिया गया है कि यदि कोई दवा, इंजेक्शन या ऑक्सीजन आदि उपचार से जुड़ी किसी भी वस्तु की कालाबाजारी को रोकने के लिए सख्ती बढ़ाई जाएगी।


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