मोदीनगर अग्निकांड के बाद जागा प्रशासन, फरुखनगर में पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में छापेमारी
मोदीनगर अग्निकांड के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने फरुखनगर गांव में पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री पर छापेमारी की।
साहिबाबाद (गाजियाबाद), जागरण संवाददाता। मोदीनगर की पटाखा फैक्ट्री में लगी आग में 9 लोगों की जान जाने के बाद गाजियाबाद पुलिस प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। मंगलवार को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने फरुखनगर गांव में पटाखा बनाने वाली अवैध फैक्ट्री पर छापेमारी की। छापेमारी में पटाखा और पटाखा बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल बरामद हुआ है।
छापेमारी के दौरान उपजिलाधिकारी लोनी खालिद अंजुम और सहायक पुलिस अधीक्षक केशव कुमार भी मौजूद रहे। छापेमारी की सूचना मिलते ही अवैध फैक्ट्री संचालक फरार हो गए। किसी को अभी तक गिरफ्तार नही किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान कई ट्रॉली पटाखे जब्त किए गए हैं। पुलिस की करवाई अभी तक जारी है।
इससे पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि फरुखनगर गांव स्थित कुछ अवैध फैक्टियों में चोरी-छिपे पटाखे बनाने का काम अभी भी चल रहा है। बंद दरवाजे के पीछे ये लगातार काम चल रहा है।
28 अप्रैल 2017 को हुए हादसे में गई थी 5 की जान
28 अप्रैल 2017 को फरुखनगर गांव स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में धमाके के साथ हुए हादसे में पांच लोगों की मौत हुई थी। घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव के सभी फैक्ट्रियों, गोदामों और दुकानों को सील करा दिया था। इसके बावजूद चोरी-छिपे पटाखे बनाए जाने पर अधिकारियों ने कुछ फैक्ट्रियों, गोदामों, दुकानों को ध्वस्त किया था। जिसके बाद फरुखनगर गांव में पटाखे कारोबार पर रोक लगा दी गई थी। सूत्र बताते हैं कि पटाखा कारोबारी फैक्टियों के गेट बंदकर अंदर अब भी पटाखे बना रहे हैं।
फरुखनगर गांव में करीब 74 फैक्टियां, गोदाम और दुकानें थीं। इन फैक्टियों में न केवल श्रमिक, बल्कि महिला और बच्चे भी काम करते थे। प्रत्येक वर्ष फरुखनगर गांव से करोड़ों रुपये का पटाखा कारोबार होता था। वर्ष 2016 और 2017 में हुए दो हादसों से फरुखनगर गांव दहल उठा था।
28 अक्टूबर 2016 में हुए हादसे में इमरान (36) निवासी फरुखनगर की मौत हो गई थी, जबकि उमेश निवासी असालतपुर गंभीर रूप से घायल हुए थे। वहीं 29 अप्रैल 2017 को फरुखनगर गांव निवासी पप्पू (55) की आरिफ फायर वर्क्स पटाखा फैक्टरी में हादसा हुआ था। जिसमें उनके समेत समीर (40), अशफाक (40), कुतुबुद्दीन (40) और रफीक (60) की मौत हो गई थी। 27 अक्टूबर 2018 को गढ़ी सब्लू गांव स्थित पटाखा गोदाम में सफाई के दौरान आग लग गई थी। समय रहते काबू पा लिया गया था।