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गाजियाबाद में अपराध रोकने के लिए पुलिस ने तैयार किया खाका, बीट सिपाहियों को ट्रेनिंग

बीट सिस्टम के तहत बीट कांस्टेबल अपने-अपने क्षेत्र में इनामी हिस्ट्रीशीटर गैंगेस्टर गुंडा अधिनियम के तहत आरोपित के घर जाएंगे और पूछताछ करेंगे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 01:24 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 01:24 PM (IST)
गाजियाबाद में अपराध रोकने के लिए पुलिस ने तैयार किया खाका, बीट सिपाहियों को ट्रेनिंग
गाजियाबाद में अपराध रोकने के लिए पुलिस ने तैयार किया खाका, बीट सिपाहियों को ट्रेनिंग

गाजियाबाद, आशुतोष गुप्ता। जिले में अपराध पर काबू पाने व अपराधियों पर कार्रवाई के लिए पुलिस अब हाईटेक के साथ परंपरागत पुलिसिंग का सहारा भी लेगी। पुलिस जिले में बीट सिस्टम को मजबूत कर रही है। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने योजना तैयार कर ली है और इसपर अमल भी शुरू कर दिया है।

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जिले में छोटे थानों पर 22, मध्यम थानों पर 32 और बड़े थानों पर 42 बीट कांस्टेबलों की तैनाती कर उन्हें बीट पर काम करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। साथ ही इन सिपाहियों को बीट पुस्तकें भी वितरित की गई हैं।

पुलिस का मानना है कि बीट सिस्टम में मजबूती आने से अपराधियों के मन में खौफ पैदा होगा और उसका मनोबल गिरेगा। इससे वह अपराध करने से डरेगा, जिससे जिले में अपराधों में कमी आएगी। बता दें कि बदलते वक्त के साथ जिस तरह से पुलिस आधुनिक हुई, उसी के समकक्ष अपराधी भी हाईटेक हो गए। इसी के चलते पुलिस दोबारा परंपरागत पुलिसिंग का सहारा ले रही है। इसके तहत पुलिस मुखबिर तंत्र मजबूत करने के लिए बीट व्यवस्था मजबूत करने पर जुट गई है।

हाल में ही थानों को दिए गए 182 सिपाही

बीट सिस्टम मजबूत करने के लिए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने हाल में ही पुलिस लाइन से 182 सिपाहियों को विभिन्न थानों में तैनात किया था। बीट सिस्टम को मजबूत करने और थानों पर पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाए जाने के लिए एसएसपी ने यह कदम उठाया था। यह सभी सिपाही वह थे जिनकी कभी तो पो¨स्टग के न सिफारिश आई थी और वह लंबे समय से थानों में तैनात नहीं हुए थे।

घर-घर दस्तक देंगे बीट सिपाही

बीट सिस्टम के तहत बीट कांस्टेबल अपने-अपने क्षेत्र में इनामी, हिस्ट्रीशीटर, गैंगेस्टर, गुंडा अधिनियम के तहत आरोपित व वांछितों के यहां दस्तक देंगे और उनके व उनके परिवार के बारे में पूरी जानकारी लेंगे कि संबंधित की दिनचर्या क्या है। वर्तमान में वह क्या कर रहा है, किस रोजगार से उसके घर का खर्च चल रहा है, उसका किन-किन लोगों से मिलना जुलना है के साथ तमाम तरह की जानकारियां जुटाई जाएंगी। इसके साथ ही वह अपने क्षेत्र के संभ्रांत लोगों से भी संपर्क बढ़ाएंगे और लोगों के नाम, उनके पद, पते, मोबाइल नंबर के साथ डायरी मेंटेन करेंगे। एसएसपी का मानना है कि बीट में सिपाही की मजबूत पकड़ होने के साथ उसे घटना से पूर्व जानकारी होगी और मुखबिर तंत्र मजबूत होगा। इसको लेकर उन्होंने जिले में बीट सिस्टम मजबूत करने पर काम शुरू कर दिया है।

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि जिले में अपराध पर काबू पाने के लिए पुलिस परंपरागत पुलिसिंग पर भी जोर दे रही है। जिले में बीट सिस्टम को मजबूत किया जा रह है। इसके लिए बीट सिपाहियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। थानों पर बीट सिपाहियों की तैनाती शुरू कर दी गई हैं।


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