Muradnagar Incident: राधा स्वामी सत्संग ब्यास में सेवादार थे जयराम, इस वजह से भी अंत्येष्टि स्थल में हुई थी भीड़
मुरादनगर के उखलारसी में रहने वाले जयराम राधा स्वामी सत्संग ब्यास से भी पिछले 30 साल से जुड़े थे। वह प्रत्येक रविवार को बतौर सेवादार वहां पर सेवा देते थे। यही वजह है कि उनसे बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुड़े थे। इस वजह से श्मशान स्थल पर भीड़ हुई।
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। मुरादनगर के उखलारसी में रहने वाले जयराम राधा स्वामी सत्संग ब्यास से भी पिछले 30 साल से जुड़े थे। वह प्रत्येक रविवार को बतौर सेवादार वहां पर सेवा देते थे। यही वजह है कि उनसे बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुड़े थे और उनकी मौत की सूचना मिलने पर उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सीधे श्मशान स्थल पहुंचे थे। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हादसे की चपेट में आकर कई सत्संगी भी जख्मी हुए हैं। जिन्होंने निजी अस्पताल में उपचार कराया है।
कोरोना के कारण नहीं हो रहा सत्संग
जयराम की पुत्रवधू मुनेश ने बताया कि जयराम प्रत्येक रविवार को सत्संग में शामिल होने के लिए जाते थे, कोरोना के कारण इन दिनों सत्संग नहीं हो रहा है। जिस कारण जयराम दस माह से मुरादनगर में सत्संग के आयोजन स्थल पर नहीं गए थे। हालांकि वहां पर आने वाले लोगों से वह मोबाइल के जरिए लगातार संपर्क में थे। एक दूसरे का हालचाल लेते रहते थे।
फल और सब्जी बेचने का करते थे काम
70 वर्षीय जयराम बालाजी विहार में किराए पर मकान लेकर परिवार के साथ रहते थे। गुजर बसर के लिए फल और सब्जी बेचने का काम करते थे। दो जनवरी की देर रात को ह्दयगति रुकने से उनकी मौत हो गई थी। तीन जनवरी की सुबह उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए उखलारसी स्थित अंत्येष्टि स्थल ले जाया गया था, जहां पर गैलरी की छत गिरने के कारण कई लोगों की मौत हो गई है। हादसे के तीन दिन बाद बाद भी उखलारसी में मातम पसरा है।
कैसे हुआ था हादसा
मुरादनगर के उखलारसी गांव में बने अंत्येष्टि स्थल में रविवार को 70 वर्षीय जयराम के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए स्वजन, रिश्तेदार सहित अन्य लोग पहुंचे थे। शव का दाह संस्कार कर गैलरी में खड़े होकर जयराम की आत्मा की शांति का पाठ कर रहे लोगों पर गैलरी की छत गिर पड़ी, जिसमें दबकर कई लोग की जान चली गई। इस मामले में नगर पालिका परिषद मुरादनगर की ईओ निहारिका चौहान, ठेकेदार अजय त्यागी सहित कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। ठेकेदार ने कबूला कि उसने ठेका लेने के लिए 16 लाख रुपये की रिश्वत नगर पालिका के अधिकारियों को दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख प्रकट किया है।
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