बदलते परिवेश में स्वयंसेवकों को अपनी कार्य भूमिका बदलने की आवश्यकता : मोहन भागवत
मोहन भागवत ने पर्यावरण संरक्षण व वैश्विक महामारी कोरोना के कारण बदलते परिवेश में स्वयंसेवकों को और अधिक गंभीरता व जिम्मेदारी के साथ कार्य करने का आह्वान किया। कोरोनाकाल के चलते ऐसा पहली बार हुआ है कि समीक्षा बैठक राष्ट्रीय स्तर पर न होकर क्षेत्र स्तर पर हो रही है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना के कारण सामाजिक परिवेश में काफी परिवर्तन आया है। इस बदलते हुए परिवेश में स्वयंसेवकों को अपनी कार्य भूमिका बदलने की आवश्यकता है। ये बातें नेहरूनगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहीं।
बैठक बुधवार सुबह नौ बजे शुरू हुई और देर शाम तक चली। बृहस्पतिवार को भी शाम तक बैठक चलेगी। इस दौरान विभिन्न सत्रों में अलग-अलग विषयों पर पर चर्चा व स्वयंसेवकों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा हो रही है। इस अवसर पर मोहन भागवत ने पर्यावरण संरक्षण व वैश्विक महामारी कोरोना के कारण बदलते परिवेश में स्वयंसेवकों को और अधिक गंभीरता व जिम्मेदारी के साथ कार्य करने का आह्वान किया। कोरोनाकाल के चलते ऐसा पहली बार हुआ है कि समीक्षा बैठक राष्ट्रीय स्तर पर न होकर क्षेत्र स्तर पर हो रही है।
बैठक में संघ के कार्य की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। इसके साथ ही आगामी कार्यक्रमों पर विचार किया गया। स्वदेशी, कुटुंब प्रबोधन जैसे सामाजिक सरोकारों पर चिंतन किया गया। बैठक में सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी, सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. मनमोहन वैद्य, मुकुंद, अखिल भारतीय अधिकारी सुरेश चंद्र, अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख राजकुमार मटाले, अखिल भारतीय सहसेवा प्रमुख सहित तीन प्रांतों मेरठ, ब्रज व उत्तराखंड के 20 प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
शारीरिक दूरी के साथ खुले मैदानों में लगेंगी शाखाएं
बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना के कारण आनलाइन व परिवार शाखाओं को अब अपने पूर्व स्वरूप में आना चाहिए। शाखाएं अब कोरोना संबंधी सावधानियों के साथ शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए खुले मैदानों में लगाई जाएंगी। राष्ट्रभक्ति, सेवा, संस्कार की भावना मजबूत करने के लिए साप्ताहिक कुटुंब बैठकें शुरू करने का आह्वान किया गया।
पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय की मांग
सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय की मांग है। जब पर्यावरण संरक्षण के तहत जल प्रबंधन, जल के दुरुपयोग की रोकथाम, प्लास्टिक उपयोग पर रोक जैसे जागरूकता अभियान चलाने होंगे। समाज में अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए अलख जगानी होगी। स्वदेशी निर्मित सामान के उपयोग को आर्थिक रूप से सशक्त करने और छोटे उद्योग, ग्राम कुटीर उद्योग का सहयोग करने पर बल दिया गया।
दिया गया पर्यावरण बचाओ का संदेश
इस बैठक के माध्यम से पर्यावरण बचाओ का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में लगे हुए बैनरों को कपड़े से बनाया गया था। इसके साथ ही पूरे कार्यक्रम को प्लास्टिक मुक्त रखा गया। बैठक स्थल की साज-सज्जा भी पारंपरिक तरीके से की गई थी।
स्वयंसेवकों द्वारा कारोना काल में किए गए कार्य
मेरठ प्रांत
-कोरोना संकट के समय मेरठ प्रांत में संघ के स्वयंसेवकों ने 1,12,943 राशन किट और 19,74,381 भोजन के पैकेटों का वितरण किया।
-लाकडाउन में 1,28,652 मास्क, 10,100 पैकेट काढ़ा और 48,665 लीटर सैनिटाइजर का वितरण किया।
- 4,132 घुमंतू जातियों के परिवारों को संघ के स्वयंसेवकों ने सहायता पहुंचाई।
- ब्लड बैंकों में खून की कमी होने पर 663 यूनिट रक्तदान संघ के स्वयंसेवकों ने किया।
-दिल्ली समेत अन्य राज्यों से निकले 2,24,310 प्रवासी कामगारों को स्वयंसेवकों ने सहायता पहुंचाई।
- इस पूरे सेवाकार्य में 6,703 स्वयंसेवक लगे रहे।
- कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों के नौकरी व काम-धंधे बंद हो जाने के कारण आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। ऐसे कठिन समय में उनके लिए स्वरोजगार हेतु कौशल विकास का प्रयास किया गया।
ब्रज प्रांत
-आगरा में रोजगार भारती द्वारा आठ नवंबर को रोजगार प्रोत्साहन मेले का आयोजन किया गया। यह मेला युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से लगाया गया था। मेले में बड़ी संख्या में उद्यमी, स्वरोजगार उपलब्ध कराने वाली इकाइयां ,बैंक के अधिकारी व अपना उद्यम शुरू करने के इच्छुक युवक आए।
-मेले में सक्षम डाबर मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा तैयार ठेले की जानकारी दी गई। इस ठेले (साइकिल ) पर चाय की दुकान, गोलगप्पे की दुकान समेत अन्य उद्यम युवक कम पैसे में शुरू कर सकते हैं। रोजगार प्रोत्साहन मेले में रोजगार के इच्छुक 1,200 से अधिक युवक-युवतियों ने पंजीकरण कराया।
-15 वर्षीय बालिका गार्गी का सम्मान किया गया। गार्गी ने 15 वर्ष की आयु में मोम के दीपक बनाना शुरू किया। एक सप्ताह में 30 हजार से अधिक दीपक बिक गए। गार्गी अपने काम में 20 महिलाओं को रोजगार दे रही हैं।
-कार्यक्रम में 40 से अधिक महिला उद्यमियों का सम्मान किया गया। रामबाग सेवा बस्ती के रहने वाले दो दिव्यांग भाइयों बुद्ध प्रकाश और सत्य प्रकाश को ठेला प्रदान किया गया। दोनों नानखटाई बेचते हैं।
- प्रकृति वंदन कार्यक्रम में सभी स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
उत्तराखंड प्रांत
-उत्तराखंड में संघ द्वारा 11,67,555 भोजन पैकेट और 68,055 परिवारों को राशन किट का वितरण किया गया।
-कोरोना से बचाव के लिए 1,09,252 मास्क वितरण और 15,466 लीटर सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया।
- ब्लड बैंकों में रक्त की कमी होने पर स्वयंसेवकों ने 422 यूनिट रक्तदान किया।
- पूरे सहायता कार्य में 4,226 स्वयंसेवक लगे रहे।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो