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मोदीनगर हादसा: मिट गई थी चेहरों की पहचान, पांच बार मृतकों की सूची में हुआ संशोधन

खरवा गांव में हुए अग्निकांड में प्रशासन ने रात को मृतकों की संख्या आठ बताई। जबकि घायलों की सूची में चार तथा लापता में दो किशोरियों को बताया गया था।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 08:05 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 08:05 PM (IST)
मोदीनगर हादसा: मिट गई थी चेहरों की पहचान, पांच बार मृतकों की सूची में हुआ संशोधन
मोदीनगर हादसा: मिट गई थी चेहरों की पहचान, पांच बार मृतकों की सूची में हुआ संशोधन

मोदीनगर [अनिल त्यागी]। बखरवा गांव में बारूद के ढेर में आग लगने के बाद जो विस्फोट हुआ उसने मरने वालों के चेहरे और शरीर के दूसरे अंगों तक की पहचान मिटा दी। यही वजह रही कि जहां मरने वालों की सूची में प्रशासन को पांच बार संशोधन करना पड़ा। वहीं, जिन लोगों को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, उनके स्वजन भी अपनों को मृत समझ रहे थे।

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हंगामे के कारण पांच बार हुआ संशोधन

प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है कि जिस समय घटना हुई, मौके पर भारी भीड़ हो गई थी। लोग अपनों को पहचानने या अस्पताल में भर्ती कराने की बजाय हंगामा करने पर उतारू थे। यही वजह रही कि सूची में पांच बार संशोधन करना पड़ा। हालांकि, सोमवार दोपहर को जो सूची प्रशासन ने जारी की, उसको एक एक स्वजन से शव की पहचान कराने के बाद ही अंतिम रूप दिया।

घायलों को भी समझा मृत

ज्ञात हो कि बखरवा गांव में हुए अग्निकांड में प्रशासन ने रात को मृतकों की संख्या आठ बताई। जबकि, घायलों की सूची में चार तथा लापता में दो किशोरियों को बताया गया था। लेकिन जैसे-जैसे शवों को कब्जे में लेकर गाजियाबाद पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया तो मृतकों की उनके स्वजनों ने लंबाई आदि से उनकी पहचान की। कई लोग तो इनमें ऐसे भी थे, जिनकों आनन-फानन में मेरठ के मेडिकल में भर्ती कराया गया था और उनको स्वजन ही मृत समझ रहे थे।

होगा डीएनए टेस्‍ट

ऐसे में रात को ही प्रशासन ने उन लोगों को अस्पताल भेजा और अपनों से उनकी मुलाकात कराई। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। इसके अलावा जो लोग आग की चपेट में आकर झुलसे हैं, वे भी पहचानने में नहीं आ रहे हैं। उनकी खाल पूरी तरह जलने से काली हो गई है। इस बारे में सीओ मोदीनगर प्रभात कुमार का कहना है कि जिन लोगों के चेहरे पहचानने में नहीं आ रहे थे। उनका सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। ताकि आगे किसी प्रकार का कोई संदेह न हो। हालांकि, अब सभी स्वजनों ने अपने अपने लोगों को उनके हावभाव, कद काठी आदि के हिसाब से पहचान लिया है

आठ लोगों को हुआ अंतिम संस्कार

तहसीलदार उमाकांत तिवारी का कहना है कि रोहित, जागो, लक्ष्मी के बारे में शुरू में गलत जानकारी मिल रही थी। जबकि, वे अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि, दो लोगों की इनमें हालत नाजुक बनी हुई है। उधर, देर शाम को पोस्टमार्टम के बाद आठों लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। गांव में भारी पुलिसबल तैनात रहा। शव गांव में आने से पहले प्रशासन ने सभी को मुआवजे की राशि के चेक सौंप दिए। जिससे गांव में मुआवजे की राशि को लेकर कोई संदेह न रहे। सांसद डा. सत्यपाल सिंह समेत तमाम गणमान्य लोग गांव पहुंचे और मृतकों के स्वजनों से मिलकर उनका ढांढस बंधाया। इसके अलावा पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपित नितिन को गिरफ्तार कर  लिया।

प्रशासन द्वारा जारी की गई मृतकों की अंतिम सूची:

  • 1-पूनम पत्नी दिनेश निवासी बखरवा
  • 2-बेबी पत्नी नरेश निवासी बखरवा
  • 3-पिंकी पुत्री परमानंद निवासी बखरवा
  • 4-साहिनूर पुत्री साबुददीन निवासी बखरवा
  • 5-मुनेश पत्नी राधेश्याम निवासी बखरवा
  • 6-अक्षित पुत्र सुनील निवासी विजयनगर, मोदीनगर
  • 7-इशु पुत्री अनिल निवासी विजयनगर, मोदीनगर।
  • 8-पारूल पुत्री शीशपाल निवासी विजयनगर, मोदीनगर।

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