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Muradnagar Cremation Incident: नक्शा न बजट, फंड की बंदरबाट कर बनवा दी मौत की छत

60 फीट लंबी और 20 फीट चौड़ी गैलरी का निर्माण महज दो माह में बिना बजट और नक्शा बनवाए ही हो गया। इसकी गवाही गूगल मैप की एक अक्टूबर की तस्वीर दे रही है। जो जांच टीम के हाथ लगी है।

By Edited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 08:30 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 10:24 AM (IST)
Muradnagar Cremation Incident: नक्शा न बजट, फंड की बंदरबाट कर बनवा दी मौत की छत
इसकी गवाही गूगल मैप की एक अक्टूबर की तस्वीर दे रही है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। 60 फीट लंबी और 20 फीट चौड़ी गैलरी का निर्माण महज दो माह में बिना बजट और नक्शा बनवाए ही हो गया। इसकी गवाही गूगल मैप की एक अक्टूबर की तस्वीर दे रही है। जो जांच टीम के हाथ लगी है।

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अब सवाल है कि गैलरी का निर्माण कार्य करवाकर किस फंड की बंदरबाट करने की साजिश नगर पालिका परिषद मुरादनगर की अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान और ठेकेदार अजय त्यागी सहित अन्य ने की थी, जिसके लिए तय प्रोजेक्ट से बाहर जाकर इस गैलरी का निर्माण कार्य अंत्येष्टि स्थल पर करवा दिया गया। जबकि जांच टीम का मानना है कि अंत्येष्टि स्थल पर गैलरी बनाने की जरूरत ही नहीं थी।

नगर पालिका परिषद मुरादनगर द्वारा उखलारसी में अंत्येष्टि स्थल पर सुंदरीकरण का कार्य कराने के लिए 2019 में अजय त्यागी की फर्म को ठेका दिया गया था। यहां पर निर्माण कार्य 55 लाख रुपये में किया जाना था। दो किस्तों में 41 लाख रुपये जारी कर दिए थे। इनमें से 16 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर अजय त्यागी ने नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान तक अवर अभियंता चंद्रपाल ¨सह के जरिए पहुंचाई थी। यह कबूलनामा अजय त्यागी ने पुलिस हिरासत में किया है।

जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने अंत्येष्टि स्थल पर हुए निर्माण कार्य की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के तीन इंजीनियरों की एक कमेटी बनाई थी। इस टीम ने आखिरी बार 17 अगस्त को अंत्येष्टि स्थल पर जाकर वहां हो रहे निर्माण कार्य की जानकारी की थी, उस वक्त तक शौचालय, लकड़ी का गोदाम, प्रतीक्षा भवन और शव दाह गृह बना था। नगर पालिका परिषद मुरादनगर के अधिकारियों ने वहां पर किसी निर्माण कार्य के प्रस्तावित होने की जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद अचानक वहां पर गैलरी बनवाई गई, जिसकी जांच भी नहीं करवाई गई।

अगर जांच होती तो शायद यह हादसा नहीं होता। क्योंकि पुजारी ने दावा किया था कि गैलरी की छत का लेंटर 15 नवंबर के करीब खुला था और खुलते ही उसमें दरार पड़ गई थी। हादसे की आशंका तब से ही वहां पर बनी हुई थी। यह है मामला: तीन जनवरी को उखलारसी स्थित अंत्येष्टि स्थल पर स्थानीय निवासी जयराम के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लोग गए थे। उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन व्रत धारण करने को स्वजन, रिश्तेदार सहित अन्य लोग गैलरी में एकजुट हुए थे।

अचानक गैलरी गिर गई और उसमें दबने से 24 लोगों की मौत हो गई। कई लोग हादसे में जख्मी हो गए। बयान 17 अगस्त तक अंत्येष्टि स्थल पर गैलरी की नींव तक नहीं खोदी गई थी। न ही गैलरी का निर्माण कार्य भविष्य में होने की जानकारी नगर पालिका परिषद मुरादनगर द्वारा दी गई थी। नगर पालिका परिषद मुरादनगर द्वारा सूचना न दिए जाने के कारण गैलरी की जांच हमने नहीं की। - मनीष वर्मा, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग।

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