Muradnagar Roof Collapse Incident: घटिया दर्जे का निर्माण करने के लिए कुख्यात है ठेकेदार अजय त्यागी
Muradnagar Roof Collapse Incident चार में तीन आरोपितों को सोमवार को ही धर दबोचा था जबकि चौथे फरार आरोपित अजय त्यागी की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई थीं। इसके साथ ही अजय त्यागी पर 25000 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। अंत्येष्टि स्थल में 24 लोगों की मौत का मुख्य जिम्मेदार ठेकेदार अजय त्यागी घटिया दर्जे के निर्माण कार्य करने के लिए कुख्यात था। भले ही वह नगर निगम के ठेकेदार एसोसिएशन का खुद को अध्यक्ष बताता था, लेकिन ठेकेदारों के बीच उसकी पहचान घटिया निर्माण करने वालों के नाम से थी। इतना ही नहीं, ज्यादातर ठेके खुद लेने के लिए वह कई ठेकों को इस्टीमेट से 10 से 20 फीसद कम रेट में ले लेता था। नगर निगम में चल रहे कई निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की इन दिनों जांच भी चल रही है। नगर निगम में इस वक्त उसके करीब आठ करोड़ के काम चल रहे हैं। उखलारसी अंत्येष्टि स्थल की जो गैलरी गिरी है, उसे ठेकेदार अजय त्यागी ने बनाया था। 55 लाख की भारी भरकम रकम इसके लिए नगरपालिका ने जारी की थी। इसके अलावा उसके सुंदरीकरण और शौचालय का ठेका भी अजय की फर्म को ही दिया गया था। विजय मंडी के पीछे नाले का निर्माण कार्य भी अजय त्यागी ने ही किया था। 35 लाख की लागत से इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने का काम भी उसको दिया गया था।
नगरपालिका के एक अधिकारी ने नाम उजागर न की शर्त पर बताया कि कागजी कार्रवाई से बचने के लिए आरोपित अजय त्यागी परोक्ष रूप से कई निर्माण कार्यों में शामिल था। घटिया दर्जे का निर्माण कार्य की जानकारी नगर निगम और नगरपालिका में सबको थी। इसके बावजूद उसको लगातार ठेके दिए जा रहे थे। वह नगर निगम का सबसे बड़ा ठेकेदार था। 12 साल से नगर निगम की ठेकेदारी कर रहा था। इस वक्त नगर निगम में उसका करीब आठ करोड़ का कार्य चल रहा है।
सिकरोड़ के नाले के अलावा अजय त्यागी को अर्थला में जल निकासी व मुख्य मार्ग के पुनर्निर्माण का 43 लाख रुपये में काम दिया गया था। वार्ड-52 में इंटरलॉकिंग टाइल्स व नाली निर्माण का काम भी करीब 57 लाख रुपये की लागत से दिया गया था। इसका वर्कआर्डर भी जारी हो गया था। महामाया स्टेडियम के पास नाले का निर्माण भी 85 लाख की लागत से करना था। वार्ड-16 मोरटा में त्यागी को आरसीसी नाले का निर्माण कार्य करने का ठेका करीब डेढ़ करोड़ की लागत से करना था। खुद को वह नगर निगम के ठेकदारों की एसोसिएशन का अध्यक्ष कहता था।
गाजियाबाद के सिकरोड में नगर निगम के जिस नाले का उसने निर्माण कराया था, इसकी लागत करीब डेढ़ करोड़ है। इसका ठेका भी अजय त्यागी की फर्म को ही दिया गया था। स्थानीय लोगों की शिकायत पर अजय त्यागी द्वारा बनाए जा रहे इस नाले की गुणवत्ता की जांच चल रही है। जानकारी के मुताबिक, मोरटा में इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने का काम भी पिछले दिनों अजय त्यागी ने ही किए थे। सही मायने में नगर निगम के 60 फीसद कार्यों में उसकी प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से साझेदारी थी।
इस बारे में नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि नगर निगम द्वारा कराए जाने वाले सभी निर्माण कार्यों की टीएसी जांच कराई जाती है। ठेकेदार अजय त्यागी सहित अन्य ठेकेदारों द्वारा कराए गए सभी निर्माण कार्यों की जांच शुरू हो गई है। जिस स्तर पर भी खामी सामने आएगी, उसमें जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारी, नेता, ठेकेदारों के गठजोड़ से बढ़ रहा भ्रष्टाचार
एक ठेकेदार ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि कई बार तो काम देने की एवज में पहले ही पैसा ठेकेदार से ले लिया जाता है। 35-40 फीसद तक कमीशनखोरी होती है। इसमें चेयरमैन, ईओ, जेई से लेकर सभासद तक को भी बराबर बराबर का हिस्सा दिया जाता है।
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