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Lockdown 2021 Extension: नोएडा-गाजियाबाद में भी 24 मई तक बढ़ाया लॉकडाउन, पढ़िये- क्या होंगी पाबंदियां

Lockdown 2021 Extension नोएडा-ग्रेटर नोएडा हापुड़ और गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश में लॉकडाउन 24 मई तक के लिए बढ़ाया गया है। यूपी सरकार द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक मास्क नहीं लगाने पर पहली बार में 1000 रुपये तो दूसरी बार में यही लापरवाही बरतने पर 10000 जुर्माना वसूला जाएगा।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 02:32 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 08:10 PM (IST)
Lockdown 2021 Extension: नोएडा-गाजियाबाद में भी 24 मई तक बढ़ाया लॉकडाउन, पढ़िये- क्या होंगी पाबंदियां
Lockdown 2021 Extension: नोएडा-गाजियाबाद में 24 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, पढ़िये- क्या होंगी पाबंदियां

गाजियाबाद/नोएडा। दिल्ली और हरियाणा के साथ पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में मामूली कमी आई है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, यूपी में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में कमी आ रही है और संक्रमण दर भी राहत देने वाली है। यूपी में सत्तासीन योगी आदित्यनाथ ने सरकार कोई भी खतरा मोल नहीं लेते हुए नोएडा-ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश में लॉकडाउन 24 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। फिलहाल नोएडा-ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और गाजियाबाद में लॉकडाउन 17 मई सुबह सात बजे तक प्रभावी है।

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नोएडा-ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और गाजियाबाद के ग्रामीण इलाकों में बढ़ा संक्रमण

उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव के दौरान हुई लापरवाही ने ग्रामीण इलाकों में कोरोना के मामले बढ़ा दिए हैं। गांवों में मौतों के आंकड़े भी चिंता में डालने वाले हैं। ऐसे में मौके की नजाकत को देखते हुए 24 मई तक लॉकडाउन के दौरान कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं, जो पूर्व की तरह ही होंगे। इस कड़ी में लोग बेवजह अपने घरों से नहीं निकल पाएंगे और आदेश-नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। यूपी सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक, मास्क नहीं लगाने पर पहली बार में 1000 रुपये तो दूसरी बार में यही लापरवाही बरतने पर 10,000 जुर्माना वसूला जाएगा।

अधिकारियों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही आवागमन की छूट है। प्रशासन ने लोगों से अपील भीकी है कि बेवजह घरों से बाहर न निकलें। इस दौरान जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी, जिससे कि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

इन चीजों की खुलेंगी दुकानें

  • दूध
  • किराने की दुकान
  • मेडिकल शॉप
  • सीएनजी स्टेशन
  • पेट्रोल पंप

इन्हें मिलेगी राहत, मगर होगी शर्त...

  • आवश्यक सेवा व औद्योगिक गतिविधियां रहेंगी जारी, लेकिन तय समय तक
  • कर्मचारियों को फैक्ट्री की ओर से जारी पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य
  • दवा, दूध, सब्जी व किराना दुकानें सुबह सात से रात आठ बजे तक खुलेंगी
  • दवा, दूध, सब्जी व किराना दुकानें सुबह सात से रात आठ बजे तक नियमों के अनुपालन में खुलेंगी।
  • जरूरी सेवाओं के लिए घरों से निकले लोगों वजह बतानी होगी।
  • गर्भवती महिलाओं को अस्पताल जाने की छूट है।
  • कोरोना का टेस्ट करवाने जा सकेंगे।
  • टीका लगवाने वालों को भी छूट है

यह काम न करें

  • बिना वजह घरों से न निकलें
  • अगर जरूरी काम से घर से निकलें तो मास्क अनिवार्य रूप पहनें
  • शहर की सड़कों पर बिना काम न घूमें, भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
  • गाजियाबाद और नोएडा-ग्रेटर नोएडा में धारा-144 लागू है, ऐसे में 5 से अधिक लोग एक साथ इकट्ठा नहीं हों

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में दो सप्ताह में 159 संक्रमितों की कोरोना से मौत

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कोरोना ने विकराल रूप धारण कर लिया है। 2020 के मुकाबले 2021 के सिर्फ अप्रैल व मई में तीन गुना संक्रमितों की मौत हो चुकी है, वहीं 17,323 नए मामले सामने आ चुके हैं। संसाधनों के अभाव में मृत्युदर में लगातार इजाफा हो रहा है। उधर, मौत के आंकड़ों पर अंकुश कसने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम है। राज्य सर्विलांस कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार एक मई से अबतक जिले में 160 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। इतनी मौतें तो 2020 में भी नहीं हुई थी। अफसरों की समीक्षा में सामने आया है कि जिले में हर दिन औसतन 10 मौतें हो रही है। मौत का सबसे बड़ा कारण फेफड़ों में गंभीर संक्रमण है। 80 फीसद संक्रमित धमनियों में खून के थक्के जमने से मौत के मुंह में जा रहे हैं। 20 फीसद के फेफड़ों में फाइब्राइड बनने और आक्सीजन न मिल पाने के कारण मल्टी आर्गन व श्वांस तंत्र का फेल होना सामने आ रहा है।

गैर सरकारी आंकड़ों से स्थिति होती साफ

जिले में मौत का आंकड़ा कितना भयावह है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। स्वास्थ्य विभाग को एक हजार से अधिक होम आइसोलेट संक्रमितों की जानकारी नहीं है। वहीं दूरदराज गांवों में दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग बाहरी राज्यों या जिलों से जांच कराकर होम आइसोलेट हो गए हैं। यदि यह रिकार्ड भी विभाग के पास होता तो स्थिति और भी अधिक भयावह होती। 


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