Move to Jagran APP

Golden Baba: जानिए- एक प्रायश्चित ने कैसे सुधीर मक्कड़ को बना दिया गोल्डन बाबा

गोल्डन बाबा जनहित में किए जा रहे काम के लिए जरूरत पड़ने पर अपने शिष्यों को भी मदद के लिए भेज देते थे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 02:28 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 03:21 PM (IST)
Golden Baba: जानिए- एक प्रायश्चित ने कैसे सुधीर मक्कड़ को बना दिया गोल्डन बाबा

साहिबाबाद (गाजियाबाद), धनंजय वर्मा। गोल्डन बाबा (सुधीर कुमार मक्कड़) अपनी पत्नी वीणा मक्कड़ के साथ इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित जीसी ग्रैंड सोसायटी में रहते थे। वह काफी मिलनसार थे। वह सोसायटी की अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (एओओ) के पदाधिकारियों से भी पूछते थे कि सोसायटी के नियम बता दीजिए, जिससे वह भी आमजन की तरह सभी नियमों का पालन करें। इतना ही नहीं गोल्डन बाबा सामाजिक व धार्मिक कामों में भी आगे रहते थे।

loksabha election banner

जीसी ग्रैंड सोसायटी के एओए अध्यक्ष अमरीश कुमार गर्ग का कहना है कि पिछले पांच साल से सोसायटी में गोल्डन बाबा अपनी पत्नी के साथ रहते थे। उनकी देखरेख और काम करने के लिए कुछ शिष्य उनके साथ ही रहते थे। एक बार गोल्डन बाबा खुद ही उनके पास पहुंच गए और उन्होंने कहा कि हमारे साथ शिष्य भी हैं। सोसायटी में हमारी वजह से किसी को कोई परेशानी न हो। आप नियम बता दीजिए किन किन नियमों का पालन करना है। अमरीश गर्ग ने उन्हें नियम बताए। गोल्डन बाबा सोसायटी में सभी नियमों का पालन करते थे। हर एक काम में एओए का सहयोग करते थे।

अमरीश गर्ग का कहना है कि गोल्डन बाबा जनहित में किए जा रहे काम के लिए जरूरत पड़ने पर अपने शिष्यों को भी मदद के लिए भेज देते थे। गोल्डन बाबा मिलनसार थे। गोल्डन बाबा इंदिरापुरम में कई सामाजिक व धार्मिक काम में सामने रहते थे। गोल्डन बाबा बीमार थे। उनका दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था। मंगलवार रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। बुधवार सुबह करीब छह बजे गोल्डन बाबा का शव जीसी ग्रैंड सोसायटी लाया गया था। कुछ देर बाद शव को दिल्ली के गांधी नगर ले जाया गया।

जानें- सुधीर मक्कड़ से गोल्डन बाबा बनने की कहानी

बताया जा रहा है कि सुधीर मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा पहले दिल्ली के गांधी नगर में कपड़ा सिलाई का काम करते थे। इसके बाद उन्होंने प्रॉपर्टी का काम किया। इस दौरान उन पर पूर्वी दिल्ली में फिरौती, धमकी समेत कई धाराओं में एक दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। पूर्वी दिल्ली में उनकी हिस्ट्रीशीट भी खुली है। कुछ मुकदमें अभी भी न्यायालयों में लंबित हैं।

प्रॉपर्टी के काम का दौरान ही एक बार अचानक सुधीर मक्कड़ हरिद्वार जाकर बस गए। इसके बाद वह बाबा के भेष में लौटे और अपना नाम गोल्डन बाबा रख लिया। लोग कहते हैं कि उन्होंने अपनी गलतियों के प्रायश्चित के लिए भक्ति शुरू की। वह हमेशा कई किलो सोना पहनकर रखते थे। हमेशा उनके चारो ओर 20-25 बॉडी गार्ड रहते थे। गांधी नगर में उनका एक आश्रम भी है। यहां उनके शिष्य रहते हैं।

गोल्डन बाबा ने इंदिरापुरम थाने में दर्ज कराई थी एफआइआर

गोल्डन बाबा ने बीती फरवरी में उनके नाम से ठगी करने वाले एक युवक के खिलाफ इंदिरापुरम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सोनीपत निवासी एक युवक उनकी फोटो लगाकर फेसबुक पर गोल्डन बाबा के नाम से आइडी बनाई। इसके बाद गोल्डन बाबा के समर्थकों के पास मैसेज भेजकर लाखों रुपये ठग लिया था। इंदिरापुरम पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस पर गोल्डन बाबा ने थाने पहुंचकर पुलिस का आभार व्यक्त किया था।

ये भी पढ़ेंः गोल्डन बाबा का गीता कॉलोनी शमशान घाट पर किया गया अंतिम संस्कार, एम्स में हुआ था निधन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.