Kanpur Police Encounter: कानपुर एनकाउंडर में शहीद राहुल की रात पत्नी से हुई बात, कहा था- कहीं दबिश में जाना है
Kanpur Police Encounter राहुल 2016 में यूपी पुलिस में भर्ती हो गए थे। पहली पोस्टिंग कानपुर में ही हुई थी। राहुल की शादी दिल्ली निवासी दिव्या से करीब डेढ़ साल पहले हुई थी।
गाजियाबाद/मोदीनगर [अनिल त्यागी]। Kanpur Police Encounter: कानपुर एनकाउंटर में शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में से एक मोदीनगर की देवेंद्रपुरी काॅलोनी निवासी राहुल कुमार भी हैं। जैसे ही अलसुबह किसी परिचित ने बड़े भाई रवि को फोन कर बताया कि राहुल अब इस दुनिया में नहीं रहा, तो भाई के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने इसकी जानकारी पत्नी दिव्या व छोटे भाई राकेश को दी। पिता ओमकुमार व मां शीला देवी को उन्होंने बताना इस कारण उचित नहीं समझा कि वे दोनों फिलहाल काफी समय अस्वस्थ्य चल रहे हैं।
मूलरूप से यूपी के ओरैया जिले के दिव्यापुर थाना क्षेत्र के रूरूकलां गांव निवासी ओमकुमार यूपी पुलिस में दारोगा से रिटायर हैं। वे मोदीनगर में साहबनगर, निवाड़ी रोड, मोदीपोन चौकी प्रभारी रहे थे। मोदीनगर में रहते हुए ही उन्होंने अपना मकान देवेंद्रपुरी में बना लिया था। परिवार में उनकी पत्नी शीला देवी, तीन बेटे, एक बेटी नंदिनी है। रवि सबसे बड़े, दूसरे नंबर की नंदिनी व राहुल व राकेश जुड़वां हैं। राकेश निजी कंपनी में कार्यरत है। रवि निजी स्कूल में शिक्षक है, जबकि राहुल 2016 में यूपी पुलिस में भर्ती हो गए थे। पहली पोस्टिंग कानपुर में ही हुई थी। राहुल की शादी दिल्ली निवासी दिव्या से करीब डेढ़ साल पहले हुई थी। दो माह की बेटी नित्या भी है।
15 जून को राहुल आए थे मोदीनगर
राहुल 15 जून को अपने छोटे भाई राकेश की शादी में शामिल होने के लिए मोदीनगर आए थे। हालांकि, तीन दिन में ही वे डयूटी पर चले गए। रात को उनकी पत्नी दिव्या से भी बात हुई थी और कहा था कि कहीं दबिश में जाना है। वहां से लौटकर बात करेंगे। क्या पता था कि काल बनकर बैठे बदमाश उनको दोबारा से किसी से बात करने का मौका ही नहीं देंगे। कानपुर के लिए उनका भाई रवि अपने पिता के साथ कार से रवाना हो गए थे। घर में लगातार लोगों की आवाजाही लगी हुई है। राकेश ने बताया कि राहुल शुरू से ही पुलिस में भर्ती होना चाहते थे। उनको यह प्रेरणा पिता से मिली। उन्होंने बताया कि पिता व मां को उनके बीमार होने के चलते अभी तक राहुल के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई है।
पिता को यह कहकर कार में बैठाया गया कि राहुल के पैर में गोली लगी है, इसलिए उसका बेहतर इलाज कराने के लिए कानपुर चलना है। एसपी देहात नीरज जादौन, सीओ प्रभात कुमार, एसएचओ देवपाल सिंह पुंडीर राहुल के घर पहुंचे। हालांकि, राहुल के पार्थिव शरीर को मोदीनगर लाने को लेकर संशय बना हुआ था। उनके परिवार के लोग राहुल के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाने बात कह रहे थे।
एसएचओ देवपाल सिंह पुंडीर ने बताया कि राहुल के पार्थिव शरीर को मोदीनगर लाने पर अभी संशय है। मोदीनगर में यदि उनका अंतिम संस्कार होगा तो यहां भी पुलिस अभी तमाम तैयारियां करेगी। इसको लेकर अभी उच्चाधिकारियों का कोई आदेश नहीं मिला है।
याद आएंगे देवेंद्र मिश्रा
कानपुर में बदमाशों से मुठभेड़ में शहीद हुए देवेंद्र कुमार मिश्रा मोदीनगर में सीओ रहे। उन्होंने 6 अगस्त 2016 को मोदीनगर में कार्यभार संभाला। करीब एक साल के कार्यकाल में उन्होंने कई सराहनीय कार्य किए। उनके व्यवहार की लोग प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। कई गंभीर प्रकरणों में उनके द्वारा प्रभावी कार्रवाई की गई और पीड़ित को न्याय दिलाने में मदद की।