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गाजियाबाद में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर, ग्रेप का भी नहीं दिखा असर

दिवाली की शाम से लेकर सोमवार दोपहर तक का अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 406 लोनी का दर्ज किया गया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 28 Oct 2019 01:56 PM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 01:56 PM (IST)
गाजियाबाद में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक  स्तर पर, ग्रेप का भी नहीं दिखा असर
गाजियाबाद में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर, ग्रेप का भी नहीं दिखा असर

गाजियाबाद [गौरव शशि नारायण]। ट्रांस हिंडन समेत दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की चादर दिवाली केअगले दिन देखने को मिली। वहीं वायु प्रदूषण के स्तर में पिछले साल की तुलना में तो थोड़ी कमी है लेकिन अभी जिले का वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर है।

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दिवाली की शाम से लेकर सोमवार दोपहर तक का अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 406 लोनी का दर्ज किया गया। वहीं वसुंधरा, इंदिरापुरम और संजय नगर के प्रदूषण केंद्रों के डाटा के अनुसार भी यह रेड जोन में है। पिछले साल दिवाली के अगले दिन एक्यूआई 430 दर्ज की गई थी।

खूब चले पटाखे

प्रशासन और एनजीटी की सख्ती के बावजूद भी ट्रांस हिंडन समेत पूरे जिले में जमकर पटाखे चलाए गए। रात दस बजे के बाद भी पटाखों का शोर गूंजता रहा। जिससे वायु व ध्वनि प्रदूषत बेहद खराब हो गया। पटाखे चलने से वायुमंडल की ऊपरी सतह में स्मॉग छा गया, जिससे सोमवार की सुबह धुंध की चादर देखने को मिली। वहीं पीएम-2.5 और पीएम-10 की मात्रा में भी लगभग चार गुने की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सोमवार दोपहर गाजियाबाद का पीएम-2.5 360 और पीएम-10 307 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।

धूल और धुआं बना आफत

दिवाली की अगले दिन धूल और धुआं की चादर ने जिले के लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ महसूस कराई। वहीं दृश्यता में भी कमी दर्ज की गई है। वरिष्ठ चिकित्सक दीपक अग्रवाल का कहना है कि वायुमंडल में धूल के सूक्ष्म कण अधिक बढ़ गए हैं और धुएं की परत भी छाई हुई है जो सांस लेने में दिक्कत कर रही है।

ऐसे मौसम में सुबह और शाम की सैर करने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वहीं हृदय रोगियों के लिए भी यह समय काफी  खतरनाक है। श्वास के रोगी गीले रुमाल और मास्क का इस्तेमाल करें वरना स्थिति और खतरनाक हो सकती है।

ग्रेप से भी नहीं मिली पूरी राहत

15 अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर में लागू किया गया ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान भी जिले के लोगों को दिवाली के अगले दिन राहत की सांस नहीं दिला पाया। वायु प्रदूषण की मात्रा बेहद खतरनाक होने के चलते लोगों को परेशान होना पड़ा।

वहीं हवा में धूल और धुआं देखा गया। हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कम होने के कारण वायुमंडल में प्रदूषण का स्तर  बना हुआ है। ग्रेप के तहत जनरेटर पर रोक, धूल नहीं उड़ने देने और भट्टों पर रोक लगाई गई थी।

एयर क्वालिटी इंडेक्स गाजियाबाद

14 अक्टूबर 278

15 अक्टूबर 313

16 अक्टूबर 338

17 अक्टूबर 315

18 अक्टूबर 368

19 अक्टूबर 168

20 अक्टूबर 288

21 अक्टूबर 283

22 अक्टूबर 236

23 अक्टूबर 288

24 अक्टूबर 330

25 अक्टूबर 335

26 अक्टूबर 302

27 अक्टूबर 390

27 अक्टूबर 380

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