गाजियाबाद की कंपनी को मिला यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का ठेका, एमडी बोले- मेक इन इंडिया मिशन को सफल बनाएंगे
ठेका हासिल करना साहिबाबाद की लाई ये सेंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए उपलब्धि बन गया है। कंपनी के एमडी एसएन बंसल ने बताया कि उनका लक्ष्य भारत सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को सफल बनाना है।
गाजियाबाद [सौरभ पांडेय]। सिंगापुर और ऑस्ट्रिया की कंपनियों को पछाड़ते हुए यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का टेंडर हासिल करना साहिबाबाद की 'लाई ये सेंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी' के लिए उपलब्धि बन गया है। कंपनी के एमडी एसएन बंसल ने बताया कि उनका लक्ष्य भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को सफल बनाना है। इसी कड़ी में वे लगातार प्रयासरत हैं। बता दें कि 'लाई ये सेंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' मेट्रो डिपो के लिए विभिन्न सर्विस प्रदान करती है। डिपो के ट्रेन वाश प्लांट, फिल्टर प्लांट और अन्य मरम्मत संबंधी उपकरण मेट्रो कॉर्पोरेशन को मुहैया करवाती है। कंपनी अभी दिल्ली और पुणे में अपनी सेवाएं दे रही है।
कंपनी के एमडी एसएन बंसल ने बताया कि उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा उन्हें आगरा और कानपुर मेट्रो के लिए बोगी टर्न टेबल बनाने का काम मिला है।
उन्होंने बताया कि यह कंपनी टेबल मेट्रो के कोच की मरम्मत में काम आती है। शुरुआत में 12 टेबल का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी मेक इन इंडिया के तहत विभिन्न मेट्रो कंपनियों को अपनी सेवाएं दे रही है।
विदेशी कंपनियों को पछाड़ने पर है गर्व
एसएन बंसल ने बताया कि उनकी कंपनी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का काम करती है। जर्मनी इटली व अन्य यूरोपीय देशों की तकनीक की मदद से भारत में मेट्रो रेल के लिए विभिन्न उपकरण कंपनी बना रही है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के टेंडर में सिंगापुर और ऑस्ट्रिया की कंपनियों के चलते उनके सामने बड़ी चुनौती थी। लेकिन उन्होंने टेक्निकल और फाइनेंशियल दोनों बिड में मेक इन इंडिया की वजह से सबसे बेहतर बोली लगाई और सफलता हासिल की। उन्हें अपनी टीम पर गर्व है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन रैपिड मेट्रो रेल सिस्टम है। इसने लखनऊ मेट्रो का निर्माण कार्य 27 सितंबर 2014 को शुरू हुआ था। चारबाग से लेकर ट्रांसपोर्ट नगर तक इसकी लंबाई केवल 8.5 किलोमीटर है। इस रूट पर 5 सितंबर 2017 से मेट्रो संचालन शुरू हुआ।
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