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मौत का वो मंजर: शहीद नगर स्थित अवैध कारखाने में लगी थी आग, 13 लोगों की गई थी जान

2016 को आग लगने के कारण 13 कारीगरों की जलने व दम घुटने से हुई मौत और तीन के झुलसने की दर्दनाक घटना को लोग अब तक भूला नहीं सके हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 10:07 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 10:07 PM (IST)
मौत का वो मंजर: शहीद नगर स्थित अवैध कारखाने में लगी थी आग, 13 लोगों की गई थी जान
मौत का वो मंजर: शहीद नगर स्थित अवैध कारखाने में लगी थी आग, 13 लोगों की गई थी जान

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। शहीद नगर में अवैध रुप से चल रहे जैकेट बनाने के कारखाने में 11 नवंबर 2016 को आग लगने के कारण 13 कारीगरों की जलने व दम घुटने से हुई मौत और तीन के झुलसने की दर्दनाक घटना को लोग अब तक भूला नहीं सके हैं। रविवार को दिल्ली में हुए अग्निकांड ने लोगों को एक बार फिर से झकझोर दिया है। लोग प्रशासन ने रिहायशी इलाकों में चलने वाले अवैध कारखानों की मांग कर रहे हैं।

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मच गई थी चीख-पुकार

शहीद नगर के जी-ब्लॉक में बाबू के तीन मंजिला मकान में नजाकत अली निवासी रामस्वरूप पार्क और रिजवान निवासी रसूलपुर गुलाठी, जिला बुलंदशहर जैकेट बनाने का कारखाना चलाते थे। दोनों के कारखाने में जैकेट की सिलाई करने वाले कारीगर उसी में रहते थे। 10 नवंबर 2016 की रात करीब एक बजे तक कारीगरों ने सिलाई किया। काम खत्म कर कारखाना को अंदर से बंद कर सो गए। 11 नवंबर को 2016 को तड़के चार बजे कारखाना में आग लग गई। मकान में धुंआ भर गया। आग की लपटों से झुलसने और धुआं से सांस फूलने पर कारीगरों की नींद खुली लेकिन चारों ओर धुआं भरा होने से किसी को रास्ता नहीं सूझा। सब चीखने-चिल्लाने लगे और दरवाजा ढूंढ़ने लगे।

किसी तरह बची थी जान

दूसरे तल पर सो रहे शाहरूख खान व फुरकान निवासी बुलंदशहर किसी तरह छत पर पहुंचे। उन्होंने शोर मचाया और बगल के मकान की छत पर कूद कर अपनी जान बचाई लेकिन घायल हो गए। चीख - पुकार सुनकर लोगों ने मकान के बगल छत पर जाने वाली सीढ़ी के रास्ते में लगा शटर किसी तरह खोला। लोहे के बट व अन्य नुकीली चीजों से दीवार तोड़ी। कारीगरों को बाहर निकाला। अग्निकांड में अलाउद्दीन, सलमान, आमिर, शमून, नाजिम, नूर मोहम्मद, छोटे, नसीम, मोबिन, अस्मत, निगेहबान, आजाद, जाकिब की मौत हो गई। शहाबुद्दीन घायल हुए थे।

कुछ दिन तक बंद थे कारखाने

स्थानीय निवासियों ने बताया है कि 2016 में आग लगने से 13 लोगों की मौत होने के बाद कारखाना संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। मृतकों के परिवार वालों को चार - चार लाख रुपया मुअावजा मिला। दर्जनभर कारखाने बंद कराए गए लेकिन धीरे - धीरे सबकुछ पुराने ढर्रे पर आ गया। लोगों ने बताया कि दोबारा से क्षेत्र में अवैध तरीके से रिहायशी इलाकों में कारखाने चल रहे हैं। इनकी कम होने के बजाय बढ़ रही है।

लोगों ने कहा

घटना के बाद कुछ अवैध कारखानों पर कार्रवाई हुई लेकिन अब दोबारा से चलने लगे हैं। रिहायशी इलाकों में चलने वाले एेसे कारखाने कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। इन पर अंकुश लगना चाहिए।

योगेश चौधरी, पूर्व पार्षद शहीद नगर।

शहीद नगर में 13 लोगों की जलने से मौत के मामले की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत किया हूं। जिला प्रशासन को लिखित में शिकायत दी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। क्या जिला प्रशासन वैसी घटना का इंतजार कर रह है?

राजीव कुमार, निवासी राजेंद्र नगर।


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