किसान नेता राकेश टिकैत को मिली जान से मारने की धमकी, गाजियाबाद में करवाई गई FIR
Rakesh Tikait राकेश टिकैत के करीबी विपिन कुमार ने बताया कि पिछले कई दिनों से भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत को एक मोबाइल नंबर से वाट्सएप काॅल और धमकी भरे संदेश आ रहे हैं। मोबाइल फोन पर कॉल करने वाला उनके साथ अभद्रता व गाली-गलौज कर रहा है।
नई दिल्ली/गाजियाबाद [अवनीश मिश्र]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर चल रहे धरने की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Bharatiya Kisan Union (BKU) spokesperson Rakesh Tikait) को मोबाइल फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। भारतीय किसान यूनियन संगठन के सदस्य विपिन कुमार ने राकेश टिकैत को धमकी को मामले में गाजियाबाद के कौशांबी थाने में शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर धमकी देने और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई है।
शिकायतकर्ता और राकेश टिकैत के करीबी विपिन कुमार ने बताया कि पिछले कई दिनों से भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत को एक मोबाइल नंबर से वाट्सएप काॅल और धमकी भरे संदेश आ रहे हैं। मोबाइल फोन पर कॉल करने वाला उनके साथ अभद्रता व गाली-गलौज कर रहा है। इतना ही नहीं, विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दे रहा है।
विपिन कुमार ने बताया कि पिछली बार हुई बातचीत के दौरान राकेश टिकैत ने उसे काफी समझाने का प्रयास किया। इस पर वह और गालियां देने लगा। इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने कौशांबी थाने में मोबाइल नंबर के आधार पर शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई है।
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वहीं, इस बाबत पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। साइबर सेल की भी मदद ली गई है।
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पहले भी मिल चुकी है धमकी
यूपी गेट पर 28 नवंबर से धरना चल रहा है। इसके पहले 26 दिसंब को उन्हें मोबाइल पर धमकी मिली थी। उस समय उनके सहायक अर्जुन बालियान की शिकायत पर कौशांबी थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। वह कॉल बिहार से आई थी। बता दें कि राकेश टिकैत रविवार को यूपी गेट पर थे। उन्होंने संगठन के छह मंडलों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर धरने को लेकर रणनीति बनाई थी।
बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत नवंबर महीने से ही यूपी गेट पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। वह पिछले कई महीनों से देश के कोने-कोने में जाकर और पंचायत और रैली कर तीनों केंद्रीय कृषि कानून की खामिया बता रहे हैं।