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गाजियाबाद में हिट हो गया ग्रामीण महिलाओं का खादी से बनाया गया मास्क, बढ़ी डिमांड

जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्र की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मास्क व सैनिटाइजर बनवाने का निर्णय लिया था।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 01:20 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 01:34 PM (IST)
गाजियाबाद में हिट हो गया ग्रामीण महिलाओं का खादी से बनाया गया मास्क, बढ़ी डिमांड
गाजियाबाद में हिट हो गया ग्रामीण महिलाओं का खादी से बनाया गया मास्क, बढ़ी डिमांड

गाजियाबाद [हसीन शाह]। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के हुनर को पंख लगने शुरू हो गए हैं। गृह मंत्रालय ने जिले की ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए गए छह हजार मास्क खरीदे हैं। ये मास्क खादी के कपड़े से बने हैं। कम कीमत और अच्छी गुणवत्ता होने के कारण इन मास्कों की मांग बढ़ गई है। गृह मंत्रलय ने महिलाओं के हुनर की सराहना की है। लोनी में दस महिलाओं के समूह ने सैनिटाइजर भी बनाना शुरू किया है।

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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं समूह बनाकर अपना रोजगार कर रही हैं। महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्हें विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार की तरफ से लोन की व्यवस्था भी कराई गई है। वर्तमान में 886 समूह संचालित हैं। प्रत्येक समूह में आठ से दस महिलाएं हैं। कोरोना काल में मास्क व सैनिटाइजर की मांग बढ़ गई है। लोगों को अच्छी गुणवत्ता के मास्क नहीं मिल पा रहे हैं।

जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्र की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मास्क व सैनिटाइजर बनवाने का निर्णय लिया था। चिरौड़ी, सिरौली, टीला शहबाजपुर, बसंतपुर सैथली, मंडोला आदि गांवों की महिलाओं का समूह इस काम में लग गया। विभाग को शासन से 18 हजार मास्क बनाने का आदेश मिला था। महिलाएं अब तक 25 हजार मास्क तैयार कर चुकी हैं। गुणवत्ता अच्छी होने के कारण केंद्रीय गृह मंत्रलय ने छह हजार मास्क खरीदे हैं। मंत्रलय के खरीदने के बाद मास्क की बिक्री और बढ़ गई है। आपूर्ति विभाग व रजापुर, भोजपुर और मुरादनगर ब्लॉक के विभिन्न ग्राम पंचायतों ने मास्क खरीदे हैं। ऑर्डर मिलने के बाद महिलाएं अभी और मास्क बना रही हैं।

गुणवत्ता पर अफसरों की नजर

महिलाओं द्वारा बनाए गए मास्क और सैनिटाइजर की गुणवत्ता पर विभागीय अफसरों की नजर है। मास्क पूरी तरह सैनिटाइज होगा। जो महिलाएं मास्क बना रही है, उनके स्वास्थ्य पर भी नजर रखी जा रही है। उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। एक मास्क की कीमत 13.60 रुपये हैं जबकि इसकी लागत 9.50 रुपये आ रही है। यह मास्क खादी के कपड़े का बनाया जा रहा है। धोने के बाद मास्क को कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की उपायुक्त सुधा सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को रोजगार मिलना शुरू हो गया है। छह हजार मास्क केंद्रीय गृह मंत्रलय ने खरीदे हैं। इसके अलावा अन्य विभागों से ऑर्डर मिले हैं। मास्क की बिक्री से प्राप्त पैसे महिलाओं के खाते में भेजे जा रहे हैं।


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