Coronavirus : नोएडा और गाजियाबाद जेल में बंद कैदियों ने बनाए 85,000 मास्क
Coronavirus इन मास्क की खूबी यह है कि इन्हें धोकर दोबारा भी इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
गाजियाबाद, पीटीआइ। Coronavirus: दिल्ली से सटी गाजियाबाद की डासना जेल और गौतमबुद्धनगर की लुक्सर जेल में बंद कैदियों ने 85,000 मास्क बनाए हैं। इन मास्क की खूबी यह है कि इन्हें धोकर दोबारा भी इस्तेमाल भी किया जा सकता है। मुंह और नाक को ढंककर कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में कारगर ये मास्क जल्द ही जरूरतमंद लोगों और संस्थानों को भेजे जाएंगे।
गाजियाबाद की डासना जेल में बने 57,000 मास्क
मिली जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद की डासना जेल में बंद कैदियों ने 2 महीने से भी कम समय में 57,000 मास्क बनाए हैं। वहीं, गौतमबुद्धनगर जेल में बंद कैदियों ने 27,500 मास्क बनाए हैं। जेल प्रशासन से जुड़े अधिकारी के मुताबिक, मास्क बनाने का काम कैदियों ने मार्च में होली त्योहार के बाद शुरू किया था, लेकिन 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद इसमें तेजी आई।
वहीं, गौतमबुद्धनगर की लुक्सर जेल के साथ डासना जेल का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा के मुताबिक, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के साथ ही कैदियों को ऐसे काम में लगाया, जो कोरोना से जंग में सहायक साबित हो।
उन्होंने बताया कि जहां डासना जेल में 20 कैदी में मास्क बनाने का काम कर रहे थे, वहीं लुक्सर जेल में 12-14 कैदियों ने मास्क बनाने का काम कर रहे हैं। इसके मद में कैदियों को रोजोना 24 से 40 रुपये दिए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह मास्क बेहद उम्दा हैं, इन्हें इस्तेमाल करने के धोया जा सकता है और फिर इन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है। सभी मास्क कॉटन से बनाए गए हैं।
विपिन मिश्रा ने सामान्य प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दुनिया में सभी तरह के लोग हैं, अच्छे और बुरे दोनों। यहां हमारे पास बहुत से अच्छे लोग भी हैं, जिन्होंने अब इस काम के लिए खुद को समर्पित कर दिया है। ऐसे कैदियों की वजह से हम 85,000 मास्क बनवा पाने में सफल साबित हुए हैं।
अधिकारी ने कहा कि जेलों में बंदकैदियों तैयार मास्क उत्तर प्रदेश प्रांतीय सशस्त्र सीमा बल के जवान भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कैदियों द्वारा बनाए गए ये मास्क गरीब लोगों और महामारी के दौरान काम करने वाले कुछ अन्य संगठनों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों को भी उपलब्ध कराया गया है।