CBI कोर्ट ने यादव सिंह को दो दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजा Ghaziabad News
सीबीआइ ने गिरफ्तारी के बाद यादव सिंह को कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद अदालत ने यादव सिंह को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। सीबीआइ कोर्ट परिसर से सोमवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए गए नोएडा टेंडर घोटाले के मुख्य आरोपित यादव सिंह को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। सीबीआइ की टीम ने विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में अर्जी देकर आरोपित यादव ¨सह का सात दिन पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने इसका जमकर विरोध किया। वहीं, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपित का 48 घंटे पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया है। अब सीबीआइ की टीम 13 फरवरी को शाम पांच बजे आरोपित को अदालत में पेश करेगी।
मंगलवार दोपहर बाद दिल्ली सीबीआइ ब्रांच की टीम आरोपित यादव ¨सह को लेकर सीबीआइ की विशेष अदालत पहुंची। सीबीआइ ने आरोपित को कोर्ट में पेश कर सात दिन पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की। सीबीआइ ने दलील दी कि उन्हें यादव सिंह को रिमांड पर लेकर केस के संबंध में पूछताछ करनी है और संबंधित दस्तावेज जुटाने हैं। वहीं, बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि यादव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से पहले ही तीन अन्य मामलों में जमानत मिल चुकी है, जिसके बाद भी सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार किया है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपित यादव ¨सह का 48 घंटे का पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया है।
सीबीआइ से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2007 से 2012 के बीच यादव सिंह नोएडा प्राधिकरण में मुख्य अभियंता के तौर पर तैनात था। इस बीच उसने 29 निजी फर्मो को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को दरकिनार कर 116.39 करोड़ रुपये के टेंडर बांट दिए थे। इनमें कई फर्म ऐसी फर्म थीं, जो उसके परिवार के सदस्यों और दोस्त संजय गुप्ता, संजय शर्मा और जावेद के नाम रजिस्टर्ड थीं। जिसमें नोएडा प्राधिकरण को भारी नुकसान हुआ और ठेकेदारों व फर्मों को फायदा हुआ।
आरोप है कि यादव सिंह ने प्राधिकरण में रहते हुए फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें गलत तरीके से टेंडर जारी किए थे। इस मामले में सीबीआइ की दिल्ली ब्रांच ने हाई कोर्ट के आदेश पर 17 जनवरी 2018 को यादव सिंह, संजय शर्मा, संजय गुप्ता समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इससे पहले 954.38 करोड़ रुपये के घोटाले दो मामलों में यादव सिंह व उसके परिवार के सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट से अक्टूबर 2019 में जमानत मिल चुकी है।