गाजियाबाद : नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी काे 10 साल की मिली कैद
विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने बताया कि 23 जनवरी 2016 की रात लोनी बार्डर थानाक्षेत्र से अक्षय एक 17 वर्षीय नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। काफी तलाशने के बाद भी जब वह नहीं मिली तो 25 जनवरी को उसके स्वजन ने नामजद एफआइआर दर्ज कराई।
गाजियाबाद [विवेक त्यागी]। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट-2 रवींद्र प्रसाद गुप्ता की अदालत ने बुधवार को नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई। साथ में उस पर एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। मामला लोनी बार्डर थानाक्षेत्र का था।
विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने बताया कि 23 जनवरी 2016 की रात लोनी बार्डर थानाक्षेत्र से अक्षय एक 17 वर्षीय नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। काफी तलाशने के बाद भी जब वह नहीं मिली तो 25 जनवरी को उसके स्वजन ने नामजद एफआइआर दर्ज कराई। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अक्षय शादी करने के उद्देश्य से उनकी बेटी को भगाकर ले गया था।
27 जनवरी 2016 को पुलिस ने नाबालिग को बरामद कर आरोपित अक्षय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद नाबालिग ने पुलिस को बयान दिया कि अक्षय चाकू की नोक पर उसे भगाकर ले गया था। बात न मानने पर उसने नाबालिग व उसके स्वजन को जान से मारने की धमकी दी थी। पीड़िता ने बताया कि अक्षय उसे लोनी क्षेत्र में एक कमरे में ले गया और चाकू के बल पर दुष्कर्म किया था। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट-2 रवींद्र प्रसाद गुप्ता की अदालत में चल रही थी। पुख्ता साक्ष्यों व गवाहों के बयानों के आधार पर बुधवार को अदालत ने अक्षय को 10 साल कैद की सजा सुनाते हुए उपरोक्त जुर्माना लगाया।