नगर निगम भवन की छत का 13 दिन में दूसरी बार गिरा प्लास्टर, कर्मचारी घायल
जागरण संवाददाता गाजियाबाद जर्जर भवनों को लेकर नगर निगम की लापरवाही बृहस्पतिवार को एक
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: जर्जर भवनों को लेकर नगर निगम की लापरवाही बृहस्पतिवार को एक बार फिर सामने आई, जब विजयनगर जोनल कार्यालय के संपत्ति कर विभाग की छत का प्लास्टर गिर गया। नगर निगम कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि इसी भवन में 13 दिन में दूसरी बार ऐसा हुआ है। इस कारण एक कर्मचारी का सिर फट गया। आनन-फानन में अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करा इस भवन को खाली कराया। साथ ही निर्माण विभाग ने इसमें प्रवेश न करने के संबंध में नोटिस चस्पा कर दिया। कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कार्यालय में बैठक कर नगर आयुक्त को शिकायत भेजकर कहा कि कर्मचारी उस भवन में नहीं बैठेंगे। इसलिए उनके काम करने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
कर निरीक्षक द्वितीय लोकेश ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह साढ़े 10 बजे लिपिक नरेश कुमार काम कर रहे थे। अचानक उनकी सीट के ऊपर छत का हिस्सा गिर पड़ा। मलबा सिर पर व हाथों पर गिरा। नरेश के सिर में 15 टांके आए हैं और उनके हाथ भी चोटिल हुए हैं। लोकेश के मुताबिक 26 जून को भी इसी तरह इस भवन का प्लास्टर गिरा था। इस बारे में तुरंत सूचना दी गई थी, लेकिन इसे ठीक नहीं कराया गया। नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नैन सिंह ने बताया कि पूर्व में प्लास्टर गिरने की शिकायत के साथ पांच जुलाई को बैठक कर नगर निगम के सभी जर्जर भवनों की तुरंत मरम्मत कराने के लिए कहा गया था। मगर सुनवाई नहीं हुई। अधिकारियों की लापरवाही से बृहस्पतिवार को दूसरा हादसा हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारी जानबूझकर कर्मचारियों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।
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दो हफ्ते पहले ही निर्माण विभाग को मरम्मत के लिए लिखा था, क्योंकि यहां रोजाना काम होता है। वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी, जिस कारण उसी भवन में बैठना पड़ा।
- बनारसी दास, जोनल प्रभारी, विजयनगर, नगर निगम।
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इसकी रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई थी कि मरम्मत नहीं हो सकती। इसलिए उस हिस्से पर ताला लगा दें। इसके बावजूद वहां कर्मचारी बैठे।
- मोइनुद्दीन, मुख्य अभियंता, निर्माण विभाग, नगर निगम