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दो हजार से अधिक महिलाएं बनाएंगी मास्क व सैनिटाइजर

जनपद में अब मास्क और सैनिटाइज की कमी नहीं होगी। ग्रामीण क्षेत्र की दो हजार से अधिक महिलाएं मास्क और सैनिटाइजर बनाएंगी। लोगों को सस्ती कीमत पर सैनिटाइजर और मास्क मार्किट में मिल सकेगा। अस्पतालों में भी मास्क की कमी नहीं आएगी। लोनी ब्लॉक से सैनिटाइजर बनाने की शुरूआत की जाएगी। गाजियाबाद से दूसरे राज्यों

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 08:07 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 06:04 AM (IST)
दो हजार से अधिक महिलाएं बनाएंगी मास्क व सैनिटाइजर
दो हजार से अधिक महिलाएं बनाएंगी मास्क व सैनिटाइजर

हसीन शाह, गाजियाबाद :

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जनपद में अब मास्क और सैनिटाइज की कमी नहीं होगी। ग्रामीण क्षेत्र की दो हजार से अधिक महिलाएं मास्क और सैनिटाइजर बनाएंगी। लोगों को सस्ती कीमत पर सैनिटाइजर और मास्क मार्केट में मिल सकेगा। अस्पतालों में भी मास्क की कमी नहीं आएगी। लोनी ब्लॉक से सैनिटाइजर बनाने की शुरुआत की जाएगी। गाजियाबाद से दूसरे राज्यों में भी मास्क और सैनिटाइजर की आपूर्ति की जा सकेगी।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं समूह बनाकर अपना रोजगार कर रही हैं। महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्राम विकास विभाग की ओर विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रदेश सरकार की तरफ से लोन की व्यवस्था भी कराई जाती है। वर्तमान में 886 समूह संचालित हैं। प्रत्येक समूह में दस महिलाएं हैं। कोरोना को लेकर वर्तमान में मांग बढ़ने पर मेडिकल स्टोर पर मास्क की कीमत बढ़ा दी गई है। वहीं सैनिटाइजर की मांग भी बढ़ गई है। लोगों को अच्छी गुणवत्ता के मास्क नहीं मिल पा रहे हैं। जिला प्रशासन ने ग्रमीण क्षेत्र की स्वं सहायता समूह की महिलाओं से मास्क व सैनिटाइजर बनवाने का निर्णय लिया है। लोगों को मेडिकल स्टोर 8 से 10 रुपये में अच्छी गुणवत्ता व वायरस को रोकने में सक्षम मास्क मिल जाएगा। सस्ती कीमत पर सैनिटाइजर भी मिल सकेंगे। महिलाओं को सैनिटाइजर व मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे ग्रामीण महिलाओं को घर पर ही रोजगार मिलेगा।

--- गुणवत्ता पर रहेगी अफसरों की नजर महिलाओं द्वारा बनाए गए मास्क और सैनिटाइजर की गुणवत्ता पर विभागीय अफसरों की नजर है। मास्क पूरी तरह सैनिटाइज होगा। लॉकडाउन से पूर्व महिलाएं मसाले, तेल, आटा, अचार, डिटर्जेट, ज्वेलरी, कपड़े, ऑफिस फाइल, कैंडल, स्टेशनरी आदि सामान बना रही थीं। कच्चा माल नहीं मिलने के कारण महिलाओं ने इनका उत्पादन बंद कर दिया था। इस कारण वह बेरोजगार हो गई थीं। महिलाओं द्वारा बनाए गए मास्क और सैनिटाइजर अव्वल गुणवत्ता वाले होंगे। मास्क बनाने वाली महिलाओं के संक्रमण आदि पर खास नजर रखी जाएगी। जिस स्थान पर मास्क बनाए जाएंगे, वह पूरी तरह एंटी वायरस होगा।

-भालचंद्र त्रिपाठी, जिला विकास अधिकारी


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