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सरकारी विद्यालयों में बनेगी मिनी लाइब्रेरी, बच्चे बनेंगे लाइब्रेरियन

दीपा शर्मा गाजियाबाद जिले के परिषदीय विद्यालयों में मिनी लाइब्रेरी बनाई जाएगी। जिसमें पाठ्यक्रम

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 06:21 PM (IST)
सरकारी विद्यालयों में बनेगी मिनी लाइब्रेरी, बच्चे बनेंगे लाइब्रेरियन
सरकारी विद्यालयों में बनेगी मिनी लाइब्रेरी, बच्चे बनेंगे लाइब्रेरियन

दीपा शर्मा, गाजियाबाद : जिले के परिषदीय विद्यालयों में मिनी लाइब्रेरी बनाई जाएगी। जिसमें पाठ्यक्रम से जुड़े कामिक्स, नैतिक शिक्षा प्रदान करने वाली कहानियां और बच्चों की पसंद को ध्यान में रखने हुए विभिन्न तरह की किताबें लाइब्रेरी में रखी जाएंगी। बच्चों में पढ़ने की रुचि विकसित करने के लिए विद्यालयों में मिनी लाइब्रेरी बनाने की योजना बनाई गई है। लाइब्रेरी के संचालन की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक, शिक्षक और स्कूल के बच्चों की ही होगी। कुछ शिक्षकों ने लाइब्रेरी पहले से बनाई हुई है, लेकिन जिन्होंने नहीं बनाई है उन्हें हर हाल में 27 जनवरी तक लाइब्रेरी बनाने के आदेश हुए हैं। लाइब्रेरी के कार्नर को बच्चों की पसंद को ध्यान में रखते हुए आकर्षक तरीके से सजाना होगा। शिक्षकों की निगरानी में बच्चों को बारी-बारी से लाइब्रेरी संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। इससे बच्चों के कौशल में भी विकास होगा।

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संकुल शिक्षक और एआरपी को मिली जिम्मेदारी

कितने विद्यालयों में लाइब्रेरी बनाई और कितने में लाइब्रेरी नहीं है। विद्यालयों में लाइब्रेरी का उपयोग किया जा रहा है या नहीं। इसकी निगरानी संकुल शिक्षक और एआरपी को करनी होगी। साथ ही विभाग में इसकी रिपोर्ट भी सौंपनी होगी। प्राथमिक विद्यालयों को पांच हजार और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को दस हजार रुपये का बजट विद्यालयों में भेजा जा चुका है।

लाइब्रेरी का संचालन करने के लिए प्रधानाध्यापक और कम से कम एक सहायक अध्यापक तथा अलग-अलग कक्षाओं के पांच छात्र-छात्राओं की टीम बनाने का निर्देश दिए गए हैं।

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बच्ची की पसंद की किताबें और अखबार होंगे उपलब्ध

स्कूल में लाइब्रेरी टीम के सदस्य अपनी पसंद की दस-दल किताबों की सूची बनाएंगे। यह भी लिखेंगे कि उन किताबों में क्या अच्छा है और क्या शिक्षा मिलती है। शिक्षकों को लाइब्रेरी में अखबार भी उपलब्ध कराने होंगे। 25 जनवरी तक प्रधानाध्यापकों को अपनी रिपोर्ट संकुल शिक्षकों को सौंपनी होगी। 27 जनवरी को प्रधानाध्यापक और उनकी पुस्तकालय टीम अपने विद्यालय में मिनी लाइब्रेरी स्थापित करेगी और टीम के सदस्य लाइब्रेरी के फोटोग्राफ अपने संकुल शिक्षक को भेजेंगे। सकुल शिक्षक अपनी रिपोर्ट एआरपी को उपलब्ध कराएंगे।

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विद्यालयों में मिनी लाइब्रेरी बनने से बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित होगी। कुछ विद्यालयों में तो शिक्षकों ने मिनी लाइब्रेरी बना ली हैं। कुछ विद्यालयों में अभी लाइब्रेरी नहीं बनी हैं। 27 जनवरी तक सभी को मिनी लाइब्रेरी बनाकर रिपोर्ट सौंपनी होगी।

- बृजभूषण चौधरी, बेसिक शिक्षा अधिकारी


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