नेताओं की नहीं जिम्मेदारी, पुलिस ने की पूरी तैयारी
सौरभ पांडेय साहिबाबाद गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के आइटीओ और लाल किले पर जिस तरह का उपद
सौरभ पांडेय, साहिबाबाद: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के आइटीओ और लाल किले पर जिस तरह का उपद्रव हुआ उससे पूरा देश शर्मसार हो गया। इस उपद्रव के बाद खुद को किसानों का रहनुमा बता रहे नेताओं के दोहरे चरित्र की पोल भी खुल गई। करीब दो माह से धरने का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने हुड़दंग का पूरा ठीकरा सरकार और दिल्ली पुलिस पर फोड़ दिया। नेताओं ने कह दिया कि उपद्रवियों की जिम्मेदारी उनकी नहीं। सरकार और दिल्ली पुलिस को उपद्रवियों को रोकना चाहिए था। ऐसे में अब दिल्ली पुलिस ने उपद्रवियों को रोकने के लिए 24 स्तरीय सुरक्षा का प्लान तैयार किया है। बाद में नेता हुड़दंग की जिम्मेदारी लें या न लें, दिल्ली पुलिस ने बार्डर को बैरिकेड से अभेद किले में तब्दील कर अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को निश्चित रूट पर ही ट्रैक्टर परेड करने की अनुमति दी थी। नेताओं ने इस समझौते पर हस्ताक्षर भी किए थे। हालांकि न सिर्फ निर्धारित समय से पहले ही ट्रैक्टर परेड शुरू कर दी गई बल्कि कुछ ही देर में बैरिकेड तोड़कर प्रदर्शनकारी आइटीओ और लाल किला पर पहुंच गए। वहां जिस प्रकार से उपद्रव किया गया उसकी निदा पूरे देश ने की। हालांकि उपद्रव के बाद सभी नेता उस समझौते से न सिर्फ मुकर गए बल्कि साफ कर दिया कि उपद्रव की जिम्मेदारी उनकी नहीं है।
दिल्ली और यूपी पुलिस ने तैयार की रणनीति: 28 जनवरी को लग रहा था कि धरना खत्म हो जाएगा लेकिन एक बार फिर धरनास्थल पर भीड़ बढ़ने के साथ ही हुड़दंग भी बढ़ गया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने जहां आरएएफ और पीएसी की एक-एक कंपनी धरनास्थल पर तैनात की। वहीं दिल्ली पुलिस ने भी दो ही दिन में बार्डर को अभेद किले रूपी सुरक्षा प्रदान की। बैरिकेड और तार लगाकर 24 स्तरीय सुरक्षा प्लान तैयार किया। दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कभी हुड़दंगी एंबुलेंस रोक रहे हैं, कभी रात के समय तेज रफ्तार से ट्रैक्टर दौड़ाते हैं। इसे देखते हुए बार्डर पर भारी बैरिकेडिंग की गई है। हुड़दंग से प्रदर्शनकारी नेता भी परेशान हैं। उन्होंने भी बल्लियां लगवाकर बैरिकेडिग तो करवाई ही है, साथ ही लगातार मंच से शांति की अपील भी कर रहे हैं।
राकेश टिकैत फिर बोले, नहीं जिम्मेदारी: गणतंत्र दिवस से दो दिन पूर्व ही राकेश टिकैत ने बयान दिया था कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा का सवाल ही नहीं उठता। हालांकि जैसे ही उपद्रव के बाद नेताओं पर एफआइआर दर्ज हुई तो राकेश टिकैत इसके लिए दिल्ली पुलिस को कोसते दिखाई दिए। राकेश टिकैत ने बुधवार को फिर दोहराया कि दिल्ली पुलिस ने उपद्रवियों को लाल किला तक पहुंचने की क्यों दिया। उन्होंने कहा कि उपद्रवी आंदोलन का हिस्सा नहीं थे। उपद्रव रोकना दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी थी, उनकी नहीं।
यूपी पुलिस भी रख रही नजर: आइजी मेरठ प्रवीण कुमार ने बताया कि धरनास्थल पर किसी भी उपद्रव को रोकने के लिए लगातार भारतीय किसान यूनियन के नेताओं से बात की जा रही है। साथ ही एक आरएएफ और पीएसी तैनात है। हुड़दंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। दिल्ली पुलिस से समन्वय स्थापित कर हालात काबू किए जा रहे हैं।