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चौक-चौपाल व खेत-खलिहान में बस चुनावी चर्चा

जागरण संवाददाता गाजियाबाद इन दिनों गांव में चुनावी मौसम है। यहां गली-चौराहे से लेकर खेत-खलि

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 06:41 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 06:41 PM (IST)
चौक-चौपाल व खेत-खलिहान में बस चुनावी चर्चा
चौक-चौपाल व खेत-खलिहान में बस चुनावी चर्चा

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: इन दिनों गांव में चुनावी मौसम है। यहां गली-चौराहे से लेकर खेत-खलिहान तक चुनावी चर्चा है। सुल्तानपुर व नबीपुर में जागरण टीम ने दौरा किया, जहां दो दशक से भी अधिक समय बाद सामान्य से ग्राम प्रधान की यह सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हुई है। प्रत्याशियों के घरों के बाहर शामियाना लगे हैं और खाने-पीने का दौर शुरू हो गया है।

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सुल्तानपुर गांव में शामियाने के नीचे बच्चों के अलावा गांव के कुछ लोग जमा थे और चटनी के साथ पकौड़ी का स्वाद लेते दिखाई दिए। अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए दांव-पेंच पर चर्चा के साथ जीत के बड़े दावे करते दिखाई दिए। शहर के बाहर खेत में खड़ी ट्रैक्टर-ट्राली में गन्ना भरते किसान दिखाई दिए। उनका कहना था कि इस बार सुल्तानपुर-नबीपुर ग्राम प्रधान सीट महिला अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई है। चुनाव में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रहेगी। कुछ दूर आगे चले तो एक कोल्हू पर रुके। चुनाव में गुड़ की मांग के बारे में पूछे जाने पर कोल्हू संचालक ने बताया कि चुनाव में इसकी कोई मांग नहीं है। चुनाव में खाने में बेहतरीन व्यंजन और शराब का बोलबाला होता है। वहीं, चौक-चौपाल व गलियारों में खड़े ग्रामीणों ने कहा देखकर बताएंगे कि कौन प्रधान बनने लायक है। जो गांव का विकास करने लायक होगा वही राज करेगा। बॉक्स

काफी सालों बाद सामान्य से गांव की प्रधानी अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हुई है। नामांकन के बाद नाम वापसी में कितने प्रत्याशी मैदान में रहेंगे। यह बाद में पता चलेगा, लेकिन सभी जागरूक हैं और जो बेहतर प्रत्याशी होगा उसे वोट मिलेगा।

- सचिन कुमार, ग्रामीण हम चुनाव पर नजर तो रखे हुए हैं, लेकिन इस बार सीट आरक्षित होने पर ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। यहां एक प्रधान लगातार तीन बार जीते हैं, जिन्हें हराकर पिछली बार दूसरे प्रधान बने थे। विकास की बात करें तो सभी ने अपने हिसाब से ठीक ही किया। अब देखना है कि आगे क्या होगा।

- बृजेश कुमार, ग्रामीण गांव में चहल-पहल होने लगी है। चुनाव हैं तो उनके पास भी ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी व उनके समर्थक वोट के लिए आने लगे हैं। ऐसे उम्मीदवार को ही चुनेंगे, जो गांव के हित में बेहतर हो। हमारा गांव ऐसा है जहां कभी चुनाव को लेकर किसी तरह का मनमुटाव नहीं होता।

- इसामुद्दीन, ग्रामीण हम रहने वाले तो दूसरे गांव के हैं, लेकिन कोल्हू पर आने वाले लोग चुनाव को लेकर चर्चा करते हैं। अधिकांश उन्हें ही वोट देने की बात कर रहे हैं, जो वोट के बदले किसी तरह का लालच न दे। चुनाव में गुड़ को लेकर किसी तरह कोई आर्डर नहीं मिला है।

- सतपाल सिंह, कोल्हू संचालक


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