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भारतीय संस्कृति ही वैश्विक शांति का आधार

जासं साहिबाबाद मोहन नगर स्थित मॉडर्न कॉलेज ऑफ प्रोफेशन स्ट्डीज तथा अमृत मंथन वेलफेयर स

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 09:06 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 09:06 PM (IST)
भारतीय संस्कृति ही वैश्विक शांति का आधार
भारतीय संस्कृति ही वैश्विक शांति का आधार

जासं, साहिबाबाद: मोहन नगर स्थित मॉडर्न कॉलेज ऑफ प्रोफेशन स्ट्डीज तथा अमृत मंथन वेलफेयर सेसायटी के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का शनिवार को समापन हो गया। इस दौरान भारतीय संस्कृति- वैश्विक शांति के लिए एक सर्वकालिक प्रासंगिक आधार है। इस विषय पर एक दूसरे से जानकारी साझा की गई।

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समापन दिवस पर शुरुआत में महाविद्यालय के सचिव विनीत गोयल ने कहा कि संस्कृति ही समाज व राष्ट्र की अमूल्य संपत्ति होती है, जिसमें लोकहित व लोक कल्याण सर्वोपरि है। सबका हित ही भारतीय संस्कृति का मूल आधार है। हिदी के वरिष्ठ साहित्यकार मिथिलेश दीक्षित ने भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में समंवयता का अदभुत संगम प्रदर्शित होता है। जो कि समरसता के रूप में अभिव्यक्त होता है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. निशा सिंह ने बताया कि भारतीय संस्कृति प्रेम, शांति, सहिष्णुता, सहनशीलता, सदाचार व अहिसा जैसे मानवीय मूल्यों का उद्गम स्त्रोत है। जो कि विषम परिस्थितियों में भी एकजुटता के लिए प्रेरित करते हुए वैश्विक शांति स्थापित करने में अग्रणीय रही है।


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