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मजलिसों में गूंजी या हुसैन की सदाएं

जासं गाजियाबाद मुहर्रम यानी यौमे आशूरा पर शिया समुदाय ने कोरोना की वजह से घरों में र

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 10:00 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 06:04 AM (IST)
मजलिसों में गूंजी या हुसैन की सदाएं
मजलिसों में गूंजी या हुसैन की सदाएं

जासं, गाजियाबाद : मुहर्रम यानी यौमे आशूरा पर शिया समुदाय ने कोरोना की वजह से घरों में रहकर ही कर्बला के शहीदों की याद में मजलिसों का आयोजन किया। मजलिसों में अजादार जार-जार रोए और या हुसैन की सदाएं गूंज उठी। पहली बार ऐसा हुआ जब यौमे आशूरा पर जुलूस नहीं निकाला गया। आगामी दो माह तक समुदाय के लोग शोक मनाएंगे और किसी भी खुशी में शरीक नहीं होंगे। मुहर्रम पर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।

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कोरोना काल से पहले कर्बला की याद में शोक में डूबे समुदाय के लोग मोहर्रम पर ताजिया, अलम के साथ जुलूस निकालते थे। मगर इस पर कोरोना संक्रमण के चलते जुलूस नहीं निकाला गया। जुलूस के बजाय घरों में पुरसा दिया गया। शिया समुदाय के लोग काले लिबास में मजलिस में पहुंचे। कर्बला की घटना को याद कर हुसैन, उनके बेटे समेत 72 शहीदों को को याद किया गया। रविवार को किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। खाना नहीं बनने से घरों में फाका रहा। सुबह मजलिस के बाद शाम को अलविदा मजलिस की गई। हुसैन और उनके साथियों की शहादत को बयान किया गया। मुहर्रम पर एसएसपी कलानिधि नैथानी व एसपी सिटी ने मुख्य बाजारों, चौराहों और संवेदनशील स्थानों का भ्रमण किया। पुलिस को शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए है।


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