चार माह से ज्यादा वक्त में सिर्फ 513 बकायेदारों ने किया ओटीएस में आवेदन
करोड़ों रुपये दबाए बैठे बकायेदार कदम आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। इनके पास दबा पैसा निकलवाने के लिए जीडीए के अधिकारी और कर्मचारी फोन करके इन्हें आवेदन के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जीडीए के बकायेदार सुस्त गति से एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) में आवेदन कर रहे हैं। इस योजना को लागू हुए चार माह से ज्यादा हो गए हैं। 8294 बकायेदारों में से सिर्फ 513 ने आवेदन किए हैं। आवेदक में भी सभी छोटे बकायेदार हैं। करोड़ों रुपये दबाए बैठे बकायेदार कदम आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। इनके पास दबा पैसा निकलवाने के लिए जीडीए के अधिकारी और कर्मचारी फोन करके इन्हें आवेदन के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
शासन ने पहले छह मार्च से पांच जून तक तीन माह के लिए ओटीएस योजना लागू की थी। विकास प्राधिकरण के बकायेदारों को मौका दिया गया था कि वह इस योजना का लाभ लेकर बकाया राशि पर लगा दंड ब्याज माफ करा सकते हैं, जिससे उनका आर्थिक बोझ कम हो जाए और विकास प्राधिकरणों को पैसा मिल जाए। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी गई थी। इसी बीच लॉकडाउन लग गया। योजना के आखिरी दिन, यानी पांच जून तक मात्र 289 आवेदन ही प्राप्त हुए। लॉकडाउन में बदली परिस्थितियों को देखते हुए शासन ने छह जून को ओटीएस को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया। समय विस्तार के बावजूद बकायेदार योजना में आवेदन करने के लिए कदम आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि 17 जुलाई तक 513 आवेदन आए हैं। इनमें ज्यादातर छोटे बकायेदार हैं।
465.79 करोड़ रुपये बकाया
8294 बकायेदारों पर जीडीए का 465.79 करोड़ रुपये बकाया हैं। इंदिरापुरम, नंदग्राम, इंदिराकुंज, कर्पूरीपुरम, कौशांबी, चंद्रनगर, गोविदपुरम, कोयल एंक्लेव, पटेल नगर, प्रताप विहार, आरडीसी, लोहियानगर, मधुबन-बापूधाम, मोदीनगर, संजयनगर, शास्त्रीनगर, स्वर्णजयंतीपुरम, तुलसी निकेतन, उदलनगर, यूपी बॉर्डर चिकंबरपुर और वैशाली में बकायेदार हैं।